वाशिम, 19 जुलाई विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर अपने खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कार्रवाई शुरू होने के कुछ देर बाद वाशिम से रवाना हो गईं।
यूपीएससी ने उनके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की हैं, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है।
पुणे में प्रशिक्षण के दौरान शक्तियों और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने की आरोपी खेडकर ने वाशिम में सरकारी विश्राम गृह के बाहर एकत्रित संवाददाताओं से कहा, "न्यायपालिका अपना काम करेगी।"
उन्होंने इसी महीने की शुरूआत में वाशिम में ड्यूटी शुरू की थी।
निजी कार में सवार होकर नागपुर रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं जल्द लौटूंगी।”
पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने वरिष्ठ अधिकारियों को खेडकर के आचरण के बारे में जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्हें पुणे से वाशिम में अतिरिक्त सहायक जिलाधिकारी के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया था।
खेडकर पुणे में अपनी महंगी ऑडी कार में घूमती थीं, जिस पर उन्होंने अनाधिकृत रूप से लाल-नीली बत्ती, 'महाराष्ट्र सरकार' का स्टिकर लगा रखा था और कथित तौर पर एक ठेकेदार की मदद से वीआईपी वाहन पंजीकरण संख्या भी हासिल की थी।
आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।
जोहेब माधव
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