तिरुवनंतपुरम, 13 अगस्त कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने मंगलवार को कहा कि केरल के वायनाड एवं कोझीकोड जिलों में हाल ही में हुए भूस्खलन से संकेत मिलता है कि जलवायु परिवर्तन को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
विपक्ष ने इसके साथ ही भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के कार्यान्वयन का सुझाव भी दिया।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि वायनाड और कोझीकोड के विलंगड गांव में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को दिए गए सुझावों के साथ सिफारिशें की गई हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष 2021 से कह रहा है कि जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसका समाधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने अब वैज्ञानिक परीक्षण करने, आपदा संभावित क्षेत्रों की मैपिंग करने और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने का सुझाव दिया है।’’
मुख्यमंत्री को प्रस्ताव सौंपे जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुये सतीशन ने कहा, ‘‘इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के वैज्ञानिक संस्थानों एवं मौसम विज्ञान विभागों तथा कोचीन विश्वविद्यालय जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को मिलकर काम करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि जब केरल में ज्ञान आधारित समाज होने के दावे समय-समय पर किए जाते हैं, तो दुनिया में उपलब्ध सभी वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केरल ने अतीत में कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है और इसलिए भविष्य में किसी भी विकास कार्य में जलवायु परिवर्तन को भी ध्यान में रखना चाहिए।
विपक्ष के नेता ने कहा कि यूडीएफ ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक कानून बनाने पर विचार करे।
सतीशन ने मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से प्रस्ताव सौंपे और कहा कि उन्हें विजयन से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
पीड़ितों के पुनर्वास के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहले ही 100 घर बनाने का वादा कर चुके हैं और राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि परियोजना के लिए जमीन मिलते ही वह विपक्ष के साथ बातचीत करेगी।
सतीशन ने कहा कि विपक्ष ने सुझाव दिया है कि घरों का निर्माण करते समय, सामुदायिक जीवन पर आधारित टाउनशिप मॉडल अपनाया जाना चाहिए ताकि सभी प्रभावित व्यक्ति एक साथ रह सकें।
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