मुंबई, 20 जुलाई: महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के एक गांव में भूस्खलन के कारण पांच लोगों की मौत हो गई. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि 75 लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन कई लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के चार दल बचाव कार्य में जुटे हैं. यह भी पढ़ें: Maharashtra Shocker: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन, पांच लोगों की मौत
उन्होंने बताया कि इरशालवाड़ी गांव में करीब 50 मकान हैं, जिनमें से 17 मकान बारिश के बाद आए भूस्खलन के कारण दब गए हैं. एनडीआरएफ कर्मियों ने भूस्खलन स्थल से एक शव बरामद किया, जबकि बचाव दलों ने चार शव पहले ही बरामद कर लिए थे.
यह गांव मोरबे बांध से छह किलोमीटर दूर है। यह बांध नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नवी मुंबई नगर निकाय के अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई जब वह भूस्खलन स्थल पर बचाव अभियान में शामिल होने जा रहा था.
नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) के मुख्य अग्निशमन अधिकारी शिरीष अराडवाड ने बताया कि नवी मुंबई के बेलापुर दमकल केंद्र में सहायक स्टेशन अधिकारी शिवराम धुम्ने (52) बुधवार आधी रात को भूस्खलन स्थल पर जा रहे थे तभी रास्ते में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. एनएमएमसी की अग्निशमन सेवा टीम ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया.
अधिकारी ने कहा कि अग्निशमन अधिकारी की मौत के संबंध में जांच की जा रही है. राज्य के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि भूस्खलन में बचाए गए लोगों को नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बात की. उन्होंने वहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारी प्राथमिकता मलबे के नीचे फंसे लोगों को बचाना है.’’
अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन बुधवार देर रात करीब 11 बजे खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ. यह गांव माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है. इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर चौक गांव इसका निकटतम शहर है.
जिला प्रशासन ने ट्रेकर्स समूहों से खोज और बचाव कार्यों में मदद करने का अनुरोध किया है.
यह 30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है. उस भीषण भूस्खलन ने लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव को तबाह कर दिया था. बचाव अभियान रोके जाने के बाद अंतिम मृतक संख्या 153 थी.
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