मुंबई, 18 अक्टूबर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि लगभग 300 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ मेफेड्रोन की जब्ती के मामले के आरोपी ललित पाटिल की गिरफ्तारी के बाद जल्द ही राज्य में उसकी मादक पदार्थ सांठगांठ पर एक ‘बड़ा खुलासा’ होगा।
मुंबई पुलिस के इस बयान के बाद कि उसने पाटिल को बेंगलुरु के पास गिरफ्तार किया है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पुणे में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि पाटिल की गिरफ्तारी से मादक पदार्थों से जुड़े एक बड़े गठजोड़ का खुलासा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ललित पाटिल और राज्य में मादक पदार्थों से जुड़े एक बड़े गठजोड़ का जल्द ही खुलासा होगा। जो लोग वर्तमान में राज्य के मामलों में अनाप-शनाप बोल रहे हैं, उनका मुंह पूरी तरह से बंद हो जाएगा।’’
एक अधिकारी ने पहले कहा था कि पुणे की यरवदा जेल के कैदी पाटिल को मुंबई की साकीनाका पुलिस की एक टीम ने मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा, "मुंबई पुलिस की एक टीम ने बेंगलुरु और चेन्नई के बीच एक होटल से ललित पाटिल को गिरफ्तार किया गया।"
पाटिल दो अक्टूबर को पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल से उस समय भाग गया था, जब उसे एक्स-रे के लिए ले जाया गया था।
अस्पताल से पाटिल के भागने के बारे में पूछे जाने पर, फडणवीस ने कहा, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में जांच जारी है। जिन लोगों ने गलती की है, उन सभी को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’
पाटिल के अस्पताल से भागने के बाद नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि पाटिल करोड़ों रुपये के मेफेड्रोन जब्ती मामले में वांछित था, जिसका भंडाफोड़ साकीनाका पुलिस ने नासिक में एक फैक्ट्री पर छापा मारने के बाद किया था।
उन्होंने बताया कि वह इस मामले में गिरफ्तार किया गया 15वां आरोपी है।
मुंबई पुलिस ने छह अक्टूबर को कहा था कि उन्होंने 300 करोड़ रुपये मूल्य का 151 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया है और पिछले दो महीनों के एक अभियान में विभिन्न शहरों से कई लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, नासिक में एक दवा निर्माण इकाई पर भी छापा मारा गया था।
गिरफ्तारी के बाद, पाटिल को बुधवार को अंधेरी में एक मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश किया गया, जिसने उसे 23 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने यह कहते हुए पाटिल की हिरासत की मांग की कि मामले में पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी ने उसके नाम का खुलासा किया था। पुलिस ने कहा कि पाटिल को पुलिस द्वारा बरामद संदिग्ध कॉल डेटा रिकॉर्ड के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और इसमें आगे की जांच की आवश्यकता है।
पुणे पुलिस ने 30 सितंबर को ससून जनरल अस्पताल के बाहर से दो करोड़ रुपये के मेफेड्रोन के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में जांच के उपरांत अस्पताल कैंटीन के एक कर्मचारी की गिरफ्तारी हुई, जिसने खुलासा किया कि उस समय अस्पताल में भर्ती यरवदा जेल के कैदी ललित पाटिल द्वारा मादक पदार्थ की आपूर्ति की गई थी।
हालांकि, पाटिल दो अक्टूबर को अस्पताल से उस वक्त भाग गया जब उसे एक्स-रे के लिए ले जाया जा रहा था। इस मामले में नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
अधिकारियों ने पहले कहा था कि 10 अक्टूबर को पुणे पुलिस ने मेफेड्रोन जब्ती मामले में ललित पाटिल के भाई भूषण पाटिल और उनके सहयोगी अभिषेक बलकावड़े को उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र सरकार ने ललित पाटिल के अस्पताल से भागने की जांच के लिए चार-सदस्यीय समिति का गठन किया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)