नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और 2021 में लखीमपुर-खीरी में हुई हिंसा से जुड़े हत्या के एक मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को उन पर लगाई गई जमानत शर्तों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मिश्रा पर दो अक्टूबर को भव्य रैली आयोजित कर जमानत शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाले पीड़ितों को अवमानना याचिका दाखिल करने की इजाजत दे दी।
पीठ ने मिश्रा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे से कहा, “आपको जमानत से जुड़ी शर्तों का सख्ती से पालन करना होगा।”
एक पीड़ित की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत ने 22 जुलाई को मिश्रा को जमानत देते समय उन्हें जमानत की शर्तों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था और सुनवाई की तय तारीख से केवल एक दिन पहले ही मुकदमे वाली जगह पर जाने की अनुमति दी थी।
भूषण ने दावा किया कि मिश्रा एक अक्टूबर को वहां (लखीमपुर-खीरी) गए थे, मानो दो अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश के दिन सुनवाई हो, जबकि उस दिन अदालत बंद थी और उन्होंने एक भव्य रैली को संबोधित किया।
भूषण ने शीर्ष अदालत में रैली के एक कथित पोस्टर का प्रिंटआउट भी पेश किया।
दवे ने भूषण की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अदालत में जब भी सुनवाई होती है, विरोधी पक्ष जमानत शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाता है।
न्यायमूर्ति कांत ने बाद में भूषण से कहा कि अगर जमानत शर्तों का उल्लंघन हुआ है, तो वह अवमानना याचिका दायर करें। उन्होंने मामले को दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया, क्योंकि रजिस्ट्री को सुनवाई अदालत की ओर से भेजा गया संचार नहीं मिल पाया।
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को मामले में मिश्रा को जमानत दे दी थी और उनकी आवाजाही को दिल्ली या लखनऊ तक सीमित कर दिया।
तीन अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र का दौरा करने के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई थी।
एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) से चार किसानों को कुचल दिया गया था। घटना से गुस्साए किसानों ने एसयूवी चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
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