जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी के 'कृष्ण-कुंज' का लोकार्पण
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी में 'कृष्ण-कुंज' का लोकार्पण किया। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
रायपुर, 19 अगस्त: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी में 'कृष्ण-कुंज' का लोकार्पण जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में 'कृष्ण कुंज' विकसित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए गए कृष्ण-कुंज को लोकार्पित किया.उन्होंने बताया कि कृष्ण कुंज के 1.68 हेक्टेयर क्षेत्र में सांस्कृतिक और जीवनोपयोगी 383 वृक्षों का रोपण किया गया, उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृष्ण-कुंज में कदंब का पौधा लगाया. यह भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2022: हरियाणा सरकार ने 18 अगस्त के बजाय 19 अगस्त को जन्माष्टमी की छुट्टी की घोषणा की
उन्होंने बताया कि बघेल ने इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कृष्ण-कुंज में गाय को गुड़-चना खिलाया.
कृष्ण-कुंज में मुख्यमंत्री ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज राज्य में नगरीय क्षेत्रों के 162 स्थानों में विकसित कृष्ण-कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के और जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए राज्य में ‘कृष्ण-कुंज’ विकसित किए जा रहे हैं . विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है.’’उन्होंने कहा, ''माताएं अपने बच्चों को सदैव भगवान कृष्ण के रूप में देखती हैं. भगवान कृष्ण के माखनचोर, नंदकिशोर, द्वारिकाधीश आदि अनेक नाम हैं.
हमारे छत्तीसगढ़ में बच्चे सबसे पहला कोई उपवास रखते हैं तो वह जन्माष्टमी का होता है.'' बघेल ने कहा, ''भगवान श्री कृष्ण कर्मयोगी, ज्ञानयोगी, भक्तियोगी के साथ अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था.छत्तीसगढ़ में हमने गौपालन को बढ़ावा दिया है. गांव और शहर में गौठान बना रहे हैं। गोबर और गौमूत्र खरीदने का कार्य भी कर रहे हैं.गौमाता की सेवा के साथ स्वच्छता का कार्य भी सरकार कर रही है.
इससे लोगों को आमदनी का एक जरिया मिला है. उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है.''अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में 'कृष्ण कुंज' विकसित किए जा रहे हैं.मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को 'कृष्ण-कुंज' विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने का निर्देश दिया है, अब तक राज्य के 162 स्थलों को 'कृष्ण कुंज' के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है.
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