राजधानी दिल्ली में COVID-19 के मरीजों की संख्या 2500 के पार, 136 नए मामले आए सामने
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले शुक्रवार को 2500 के पार चले गये जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के चार रोगियों पर किए गए प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण के प्रारंभिक नतीजे काफी उत्साहजनक हैं जिससे कोरोना वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की किरण नजर आई है.
दिल्ली में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले शुक्रवार को 2500 के पार चले गये जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि कोविड-19 के चार रोगियों पर किए गए प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण के प्रारंभिक नतीजे काफी उत्साहजनक हैं जिससे कोरोना वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की किरण नजर आई है. स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 136 नये मामले सामने आये जिसके साथ ही इस महामारी के मामले 2514 हो गये. इस बीमारी के तीन मरीजों की मौत भी हो गयी जिसके साथ ही यहां इस बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गयी.
नये मामलों में दिल्ली पुलिस का एक सहायक उपनिरीक्षक भी है जो अपराध शाखा में तैनात है. अब तक 21 पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार यहां 49 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कोरोना वायरस के 857 मरीज स्वस्थ हो गये हैं. उनमें 802 लोग 18 अप्रैल के बाद स्वस्थ हुए हैं.
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एक संबंधित सकरात्मक घटनाक्रम में केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी को उत्साहवर्धक करार देते हुए कहा कि अगले दो-तीन दिनों में प्लाज्मा थेरेपी के और अधिक नैदानिक परीक्षण किए जाएंगे और उनकी सरकार दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के सभी गंभीर रोगियों पर इस थेरेपी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की मंजूरी लेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 10 दिन पहले लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के चार गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के नैदानिक परीक्षण के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रारम्भिक परिणाम बहुत उत्साहवर्धक एवं अच्छे हैं. इससे कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए उम्मीद की किरण नजर आई है.’’ इस सम्मेलन में यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक एस के सरीन भी मौजूद थे. केजरीवाल ने बताया कि जिन मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई उनके स्वास्थ्य में सुधार दिखाई दिया है. उन्होंने बताया कि इनमें से दो मरीजों को आईसीयू से सामान्य
वार्ड में भेज दिया गया है और दो अन्य दो मरीजों के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल शुरुआती परिणाम है और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार ने कोरोना वायरस का उपचार खोज लिया है. प्लाज्मा थेरेपी में कोविड-19 संक्रमण के बाद स्वस्थ हो चुके व्यक्ति से एंटीबॉडी लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किया जाता है.
केजरीवाल ने बीमारी से उबर चुके लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 रोगियों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करें. सरीन ने कहा, ‘‘प्लाज्मा थेरेपी एक पुरानी तकनीक है जो दशकों से इस्तेमाल की जा रही है. हमारे पास कोरोना वायरस का उपचार नहीं है, ऐसे में यह कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए लाभकारी है.’’
उन्होंने कहा कि संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए मरीजों द्वारा प्लाज्मा दान किया जाना देशभक्ति होगी. इससे प्लाज्मा दान करने वाले के शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती. सरीन ने कहा, ‘‘यह रक्तदान नहीं है... प्लाज्मा थेरेपी मंहगी नहीं है.’’ केजरीवाल ने कहा कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं वे अपना प्लाज्मा दान करके लोगों की जान बचा सकते हैं.
दूसरी तरफ दिल्ली में नियंत्रण वाले क्षेत्र 92 हो गये. तीन नये क्षेत्र जुड़े हैं. पाबंदियों के बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार अजान दी जा सकती है और उसने लोगों से रमजान के दोरान लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने भी दिल्ली सरकार के साथ यह मुद्दा उठाया एवं आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने वीडियो साझा किया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि अजान पर कोई रोक नहीं है लेकिन लॉकडाउन में मस्जिदों एवं अन्य किसी धार्मिक स्थल पर लोगों के जमा होने पर पूर्ण पाबंदी है.
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