कोविड-19 संकट का इस्तेमाल विमानन क्षेत्र में सुधार के अवसर के रूप में हो : स्पाइसजेट सीएमडी

सिंह ने बर्ड समूह द्वारा आयोजित एक आनलाइन सम्मेलन में कहा, ‘‘विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) एक पुराना मुद्दा हैलंबे समय से लंबित अनुरोध है... दूसरी बात यह है कि हमें हवाई अड्डों की पूरी संरचना और हवाई अड्डे के रियायत देने के तरीके पर विचार करने की जरूरत है।’’

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नयी दिल्ली, 14 अप्रैल कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए तीन मई तक देशव्यापी लॉकडाउन के बीच स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि इस समय का इस्तेमाल देश के विमानन क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार के लिए होना चाहिए।

सिंह ने बर्ड समूह द्वारा आयोजित एक आनलाइन सम्मेलन में कहा, ‘‘विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) एक पुराना मुद्दा हैलंबे समय से लंबित अनुरोध है... दूसरी बात यह है कि हमें हवाई अड्डों की पूरी संरचना और हवाई अड्डे के रियायत देने के तरीके पर विचार करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि अगर कोई एयरलाइन हवाई अड्डे के टैंक में ईंधर रखता है, जिसकी लागत दिल्ली में 25 करोड़ रुपये है, तो हवाई अड्डे का परिचालक उसके लिए प्रति वर्ष 450 करोड़ रुपये वसूलते हैं।

उन्होंने कहा,‘‘हमारे यहां इस तरह की विसंगतियां हैं। यह समय है जब हमें इन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र को सरकार से मदद की आवश्यकता है और सरकार सक्रिय रूप से विचार कर रही है कि वह क्या कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि भारत केवल संकट में सुधार करता है और अगर यह सच है तो हमें निश्चित रूप से इस संकट का इस्तेमाल उन सुधारों के लिए करना चाहिए, जिसकी मांग हम लंबे समय से कर रहे हैं।’’

उद्योग संगठन फिक्की ने इस महीने के शुरू में एक पत्र के माध्यम से नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बताया था कि भारत में कई एयरलाइंस दिवालिएपन की कगार पर हैं क्योंकि देश में लॉकडाउन के बीच उनके नकदी खत्म हो रही हैं।

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