कोटा (राजस्थान), 6 अप्रैल : पिछले साल कथित तौर पर दूषित जल पीने से 18 वर्षीय नीट अभ्यर्थी की हुई मौत और 35 अन्य लोगों के संक्रमित होने के मामले में जलापूर्ति करने वाले दो फर्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में हुई घटना के सिलसिले में जलापूर्ति करने वाले दो फर्म ‘जय महाकाल’ और ‘जगदंबा’ के खिलाफ मंगलवार को जवाहर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई.
उन्होंने बताया कि ये सभी छात्र जिस कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रहे थे, वहां भी जांच की जा रही है. क्षेत्राधिकारी डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) अमर सिंह ने बताया कि लापरवाही से मौत होने और संक्रमण फैलाने से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोनों फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि फर्म संचालित करने वालों को अभी तक नहीं पकड़ा गया है और ना ही उनसे पूछताछ की गई है. यह भी पढ़ें : Cyber Swachhta Kendra Fact Check: भारत सरकार ने लॉन्च किया साइबर स्वच्छता केंद्र? फैक्ट चेक के जरिए जानें क्या है सच
पुलिस ने बताया कि कोचिंग संस्थान, उसके ‘मेस’ और छात्रावास से लिए गए पानी के नमूने की जांच रिपोर्ट में दूषित होने की पुष्टि होने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. तलवंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉक्टर दीपेश तिवारी ने यह रिपोर्ट सौंपी है. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे 18 साल के छात्र वैभव रॉय की 13 अक्टूबर को अस्पताल में मौत हो गई थी. इसी कोचिंग संस्थान के 35 अन्य छात्र हेपेटाइटिस ए से ग्रसित हो गये थे.