देश की खबरें | अपहरणकर्ताओं ने लैब टेक्नीशियन की हत्या की, लापरवाही के आरोप में 11 पुलिसकर्मी निलंबित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए जिस लैब टेक्नीशियन का अपहरण किया गया था, बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी है। जांच में उसकी हत्या की बात स्पष्ट हो गई है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

लखनऊ/कानपुर, 24 जुलाई उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए जिस लैब टेक्नीशियन का अपहरण किया गया था, बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी है। जांच में उसकी हत्या की बात स्पष्ट हो गई है।

इसबीच उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में आज एक अपर पुलिस अधीक्षक सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

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वहीं कानपुर में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपहरण किये गये लैब टेक्निशीयन संजीत यादव का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है, सिर्फ उनकी बाइक बरामद हुई है। पुलिस शव की तलाश में जुटी है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने दिन में बताया था कि शासन द्वारा सम्यक विचार के बाद जनहित में ‘‘अपर पुलिस अधीक्षक :दक्षिणी: कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है।’’

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प्रवक्ता ने कहा था, 'कानपुर के पुलिस अधीक्षक ने जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्रा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है।’’

उन्होंने बताया कि उक्त अपहरण की घटना में फिरौती के लिए पैसे लिये गये या नहीं, इसकी जांच करने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, लखनऊ वी.पी. जोगदंड को तत्काल कानपुर पहुंचने का आदेश दिया गया है।

बाद में पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर ने विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्रा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय, चौकी प्रभारी राजेश कुमार, उपनिरीक्षक योगेन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, आरक्षी दिशु भारती, आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षी सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व आरक्षी शिव प्रताप को निलम्बित कर दिया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि पुलिस जांच में साफ हो गया है कि महीने भर पहले कथित तौर पर फिरौती के लिए अपहृत लैब टेक्नीशियन की उसके अपहर्ताओं ने हत्या कर दी है।

उन्होंने बताया कि अपहर्ताओं ने हत्या कर शव को पांडु नदी में फेंक दिया है, लेकिन अभी तक वह बरामद नहीं हुआ है। उन्होंने बताया, ‘‘एक महिला और लैटेक्निशियन के दो मित्रों सहित अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुरूआत में इन पांचों ने पुलिस को गुमराह करने की चेष्टा की लेकिन बाद में विस्तृत पूछताछ के दौरान उन्होंने अपराध कबूला।’’

गोविन्द नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी विकास पाण्डेय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक कुलदीप अपहृत संजीत यादव के साथ किसी पैथ-लैब में काम करता था। कुलदीप ने यादव को रतनलाल नगर स्थित अपने किराये के मकान पर शराब पार्टी के लिए बुलाया, वहां उसे नशे का इंजेक्शन दिया और पांच दिन तक बंधक बनाकर रखा।

पाण्डेय ने बताया कि यादव को होश आने पर उसे बार-बार नशे का इंजेक्शन दिया गया। पुलिस का मानना है कि कुलदीप ने अन्य लोगों की मदद से 26 या 27 जून को यादव की हत्या कर दी और शव को एक कार से ले जाकर पांडु नदी में फेंक दिया।

अधिकारी ने बताया कि यादव का अपहरण 252 जून को बर्रा थाना क्षेत्र से हुआ। उसके परिजन ने 23 जून को गुमशुदगी दर्ज करायी, 26 जून को प्राथमिकी में अपहरण की धाराएं जोड़ी गईं।

पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में अभी तक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कानपुर निवासियों ज्ञानेंद्र यादव उर्फ ईशू, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, राम जी शुक्ला और प्रीति शर्मा के रूप में हुई है।

यादव के परिजन का दावा है कि 29 जून को फोन पर उनसे 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। परिवार ने दावा किया था कि उन्होंने बताए हुए तरीके से पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपये की रकम अदा की, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने यादव को नहीं छोड़ा।

फिरौती के संबंध में मीडिया में खबरें आने के बाद एसएसपी प्रभु ने कहा था कि वह यादव के परिवार से इस संबंध में बात करेंगे। उन्होंने यादव के परिवार को उसकी सुरक्षित वापसी का आश्वासन दिया था।

पुलिस ने हालांकि बाद में दावा किया था कि अपहर्ताओं को 30 लाख रूपये फिरौती की रकम देने की बात सही नहीं है।

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