देश की खबरें | खोरी गांव : फरीदाबाद नगर निकाय के आयुक्त के तबादले पर उच्चतम न्यायालय ने नाखुशी जताई

नयी दिल्ली, 14 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को इस बात पर नाखुशी जताई कि खोरी गांव में अरावली के जंगल क्षेत्र से अनधिकृत निर्माण हटाने के बाद फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त को पात्र व्यक्तियों के पुनर्वास प्रक्रिया के बीच में ही बदल दिया गया।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि निकाय ने ‘‘इतना भी शिष्टाचार’’ नहीं दिखाया कि वह उच्चतम न्यायालय को सूचित कर सके कि आयुक्त को बदल दिया गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘पिछली बार हमने कुछ नहीं कहा, लेकिन हमने इस बात पर गौर किया है कि चीजों के बीच में ही आपने आयुक्त को बदल दिया। किसी ने इतना शिष्टाचार भी नहीं दिखाया कि वह अदालत को सूचित करे कि आयुक्त का तबादला कर दिया गया है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘आयुक्त को हमारी अनुमति के बगैर इस तरह से क्यों बदल दिया गया? कुछ काम चल रहा था। अतिक्रमण कर बनाए गए फार्महाउस का क्या हो रहा है? क्या आपने उन पर कार्रवाई की है।’’

अदालत ने खोरी गांव मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसमें नगर निकाय ने हलफनामा दायर कर कहा है कि वह पात्र लोगों के लिए पुनर्वास की प्रक्रिया अगले वर्ष 30 अप्रैल तक पूरी करने का हरसंभव प्रयास करेगा, जिसमें ईडब्ल्यूएस फ्लैट का कब्जा देना भी शामिल है।

निगम ने कहा कि उसने इलाके में 150 एकड़ भूमि से अनधिकृत निर्माण हटा दिया है और इसे हटाने की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने ‘झुग्गी’ निवासियों को मूलभूत सुविधाओं के साथ अस्थायी आवास मुहैया कराए।

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