नयी दिल्ली, 23 दिसंबर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात शुक्रवार को फिर दोहराई और कहा कि नियुक्तियों में नेताओं की योग्यता, वफादारी एवं उनके काम पैमाना माना जाना चाहिए।
खरगे ने कांग्रेस के प्रस्तावित ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की तैयारियों पर चर्चा के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और इस बात पर जोर दिया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जनता के साथ जो संवाद बना है, वह बरकरार रहना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के लिए पार्टी आगामी 26 जनवरी से ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान शुरू करेगी।
पार्टी मुख्यालय में खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बताया कि आगामी 26 जनवरी से देशभर में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत ब्लॉक, पंचायत और बूथ के स्तर पर लोगों से संपर्क साधा जाएगा।
लगभग दो महीने तक चलने वाले "हाथ से हाथ जोड़ो" अभियान' में राहुल गांधी का पत्र भी लोगों को सौंपा जाएगा, जिसमें "भारत जोड़ो यात्रा" का संदेश होगा तथा उसके साथ नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आरोप पत्र भी संलग्न होगा।
पार्टी की ओर से ‘महिला मार्च’ भी निकाला जाएगा, जिसकी अगुवाई प्रियंका गांधी वाद्रा करेंगी।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अब एक आंदोलन का रूप ले चुकी है जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार पूरी तरह घबरा गई हैं। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कितनी भी कोशिश कर लें, यह यात्रा नहीं रुकेगी।’’
खरगे ने बैठक में कहा, ‘‘संचालन समिति की पिछली बैठक (चार दिसंबर को) में मैंने सभी से ज़िम्मेदारी लेने की बात की थी और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसमें एक बात और जोड़ना चाहता हूं कि काम पैमाना होना चाहिए। ऐसा न हो कि नियुक्तियां केवल शोभा की वस्तु बनी रह जाये और पार्टी को फायदा न हो।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस कारण आप सभी से कहना चाहता हूं कि सभी नियुक्तियों के 6-6 महीने बाद पदाधिकारी के कामकाज का आकलन जरूर करें। आवश्यक हो तो इन नियुक्तियों को पुनर्विचार भी करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी प्रदेशों में ब्लॉक और ज़िला स्तर पर नियुक्तियां होनी हैं। प्रदेश समितियों के गठन में इस बात पर विशेष ध्यान रहे कि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व ज़रूर हो, जिससे हर व्यक्ति अपने आप को पार्टी से जुड़ा हुआ महसूस करे। नियुक्तियों में ख़ासतौर पर योग्यता और वफ़ादारी का ध्यान जरूर रखें।’’
खरगे ने नेताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आप ये विशेष ध्यान रखें कि एक भी योग्य व्यक्ति नजरअंदाज नहीं हो।’’
उन्होंने संसद के इस शीतकालीन सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि विपक्ष ने चीन के साथ सीमा पर तनाव और जनहित के कई अन्य मुद्दों को उठाया, लेकिन सरकार चर्चा से भागती रही।
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