सबरीमला, नौ जनवरी केरल के अयप्पा मंदिर में चढ़ाए जाने वाले ‘तिरुवभरण’ (पवित्र आभूषण) मकर संक्रम यानी 12 जनवरी को पंडालम शाही महल परिसर से ले जाए जाएंगे और पारंपरिक मार्ग से होते हुए इन्हें 14 जनवरी को ‘मकरविलक्कु’ के मौके पर सबरीमला सन्निधानम पहुंचाया जाएगा।
त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पीएस प्रशांत ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि भगवान अयप्पा की मूर्ति पर चढ़ाए जाने वाले आभूषणों को देवस्वोम और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा औपचारिक रूप से प्राप्त किया जाएगा और सन्निधानम ले जाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शाम को देवस्वोम मंत्री, टीडीबी अध्यक्ष और सदस्य ध्वजस्तंभ के नीचे धार्मिक यात्रा में शामिल प्रतिनिधियों का स्वागत करेंगे।
अधिकारी ने बताया कि मंदिर के ‘तंत्री’ और ‘मेलसंथि’, ‘तिरुवभरण’ प्राप्त करेंगे और इन्हें भगवान को अर्पित करेंगे तथा ‘महा दीपाराधना’ करेंगे। इसके बाद पोन्नम्बलमेडु में ‘मकरविलक्कु’ जलाया जाएगा। उसी समय, आकाश में ‘मकर ज्योति’ तारा दिखाई देगा, जो हजारों भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देगा।
उन्होंने बताया कि ‘मकरविलक्कु’ के बाद 15 से 18 जनवरी तक मंदिर में ‘नेय्याभिषेकम’ किया जाएगा और भक्त ‘तिरुवभरण’ से सुसज्जित भगवान की पूजा कर सकेंगे।
सबरीमला मंदिर 20 जनवरी को बंद रहेगा।
केवल ‘तिरुवभरण’ यात्रा के साथ आने वाले पंडालम राजपरिवार के प्रतिनिधि को 20 जनवरी को दर्शन करने का अधिकार होगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)