कोच्चि, 23 दिसंबर केरल सरकार ने शुक्रवार को मौजूदा समय में प्रतिबंधित ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) द्वारा आहूत हड़ताल में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में वसूली की कार्यवाही पूरी करने में देरी के लिए केरल उच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी।
सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि उन संपत्तियों को 15 जनवरी तक जब्त कर लिया जाएगा, जिनकी पहचान पंजीकरण विभाग द्वारा हड़ताल का आह्वान करने वाले या उसमें भाग लेने वालों लोगों के रूप में की गई है। राज्य सरकार ने वसूली की कार्यवाही पूरी करने के लिए एक महीने का समय भी मांगा।
सरकार ने कहा कि उसकी ओर से जानबूझकर कोई चूक नहीं की गई है और भू राजस्व आयुक्त को वसूली की कार्यवाही का जिम्मा सौंपा गया है।
अदालत ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर मुद्दा है और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऐसा न हो।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, उच्च न्यायालय ने वसूली की कार्यवाही में देरी पर नाखुशी व्यक्त की थी और राज्य सरकार को जनवरी तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया था।
सरकार ने सात नवंबर को अदालत को बताया था कि सितंबर में राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान संपत्तियां क्षतिग्रस्त होने से 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
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