केरल की अदालत ने ‘घृणा भाषण’ के मामले में जॉर्ज को अग्रिम जमानत देने से इंकार किया

यहां की सत्र अदालत ने शनिवार को वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिक खारिज कर दी. जॉर्ज ने यह याचिका घृणा भाषण के मामले में दायर की थी.

कोच्चि, 21 मई : यहां की सत्र अदालत ने शनिवार को वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिक खारिज कर दी. जॉर्ज ने यह याचिका घृणा भाषण के मामले में दायर की थी. जॉर्ज ने एर्णाकुल जिले के वेन्नला स्थित मंदिर में उत्सव के दौरान दिए गए अपने भाषण में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस संबंध में पुलिस ने 10 मई को जॉर्ज के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज की थी. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जी गिरिश ने जॉर्ज की अर्जी खारिज की.

पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-153 (विभिन्न समूहों में वैमनस्य को बढ़ावा देना) और धारा-295ए (किसी समूह की धार्मिक भावनाओं को भड़काने किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने का शरारती कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) जब सत्ता में था तब जॉर्ज मुख्य सचेतक थे. उन्होंने कथित तौर पर यह कहकर विवाद पैदा कर दिया गया कि केरल के गैर मुस्लिमों को समुदाय द्वारा संचालित रेस्तरां से बचना चाहिए. यह भी पढ़ें : आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला दोषी करार, सजा पर फैसला 26 मई को

पिछले महीने आयोजित अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केरल कांग्रेस के नेता ने आरोप लगाया था कि मुस्लिमों द्वारा संचालित रेस्तरां में कथित ‘‘नपुंसक बनाने वाली दवा मिलाकर’’चाय बेची जाती है ताकि लोगों को ‘नपुंसक’ बनाया जा सके और देश पर ‘नियंत्रण स्थापित’ किया जा सके. इस टिप्पणी को राजनीतिक विवाद हुआ था और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्हें एक मई को मामले में गिरफ्तार भी किया गया था. उल्लेखनीय है कि जॉर्ज पिछले 33 साल से पूंजार विधानसभा सीट से विधायक थे लेकिन वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से वाम दल के प्रत्याशी से हार मिली थी.

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