नयी दिल्ली, 18 सितंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों की मदद के लिए पड़ोसी राज्य सरकारें कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मध्य अक्टूबर से खराब होने लगेगी।
दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इसी मौसम में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेतों में धान की पराली जलायी जाती है।
केजरीवाल ने कहा कि अभी दिल्ली में हवा साफ है और प्रदूषणकारी तत्व ‘पीएम’ का स्तर 'अच्छा' और 'संतोषजनक' श्रेणियों में है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली की वायु गुणवत्ता अक्टूबर के मध्य (पराली जलाने) से खराब हो जाएगी। राज्य सरकारों ने अपने किसानों की मदद के लिए कार्रवाई नहीं की। दिल्ली की हवा अपने दम पर साफ है।’’
दिल्ली सरकार पूसा बायो-डीकम्पोजर को अपनाने पर जोर दे रही है जो एक प्रकार का तरल पदार्थ है और कथित तौर पर पराली को खाद में बदल सकता है। दिल्ली सरकार केंद्र से पड़ोसी राज्यों से इसे किसानों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए कहने का आग्रह कर रही है।
उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल किसानों के बीच बायो-डीकम्पोजर मुफ्त में वितरित किया था जिसका 39 गांवों में 1,935 एकड़ कृषि भूमि पर उपयोग किया गया था।
उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण में बायो डीकम्पोजर के उपयोग का उत्साहजनक परिणाम मिला है और इसका इस्तेमाल करने वाले 90 प्रतिशत किसानों ने दावा किया है कि इससे 15-20 दिनों में पराली खाद में बदल गया।
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