नयी दिल्ली, चार नवंबर व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
हालांकि, अमेजन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
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कैट ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे पत्र में कहा है कि अमेजन ने भारत में बहु-ब्रांड खुदरा गतिविधियों के संचालन के लिए भी सरकार से अनिवार्य अनुमति नहीं ली है। कैट ने कंपनी पर कार्रवाई और अधिकतम जुर्माना लगाने की मांग की है।
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सार्वजनिक रूप में उपलब्ध विभिन्न दस्तावेज बताते हैं कि अमेजन ने अमेजन इंडिया में लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस मंच पर बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार हो रहा है।
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अमेजन के एक प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘भारत में एक जिम्मेदार निवेशक तथा लंबे समय से परिचालन करने वाली कंपनी के रूप में अमेजन एफडीआई नियमों का अनुपालन कर रही है और उसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग सहित अन्य नियामकीय मंजूरियां ली हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत में हमारा भविष्य का निवेश और सारा निवेश नियमनों के अनुरूप है।
कैट ने आरोप लगाया कि लगभग 4,200 करोड़ रुपये मोर रिटेल लिमिटेड (एक मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी) में निवेश किए गए हैं, जिसे समारा कैपिटल के वैकल्पिक निवेश के जरिये अमेजन नियंत्रित करती है। वहीं अमेजन ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 1,430 करोड़ रुपये निवेश का निवेश किया है, लेकिन वास्तव में यह फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एक बहु-ब्रांड खुदरा कंपनी) में एक नियंत्रित निवेश है। खंडेलवाल ने कहा कि ये सभी निवेश फेमा नियमों का उल्लंघन हैं।
कैट ने गोयल को भेजे पत्र में विभिन्न कानूनों के उल्लंघन के लिए अमेजन के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
कैट ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र भेजकर अमेजन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
खंडेलवाल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर विचार के लिए शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये व्यापारी नेताओं की बैठक बुलाई है।
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