नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को कश्मीर (Kashmir) के विस्थापित हिन्दुओं (Hindus) के दर्द पर आधारित फिल्म ‘‘कश्मीर फाइल्स’’(Kashmir Files) की सराहना की और अभिव्यक्ति की आजादी के झंडादरबार होने का दावा करने वालों को ‘‘इसे बदनाम करने के बाबत चलाए जा रहे अभियान’’ के लिए आड़े हाथों लिया. फिल्म की पटकथा को एक तरह से अनुमोदन करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उनको हैरानी हो रही है कि इस सत्य को इतने सालों तक दबा कर रखा गया जो अब तथ्यों के आधार पर बाहर लाया जा रहा है.’’ The Kashmir Files: विवेक रंजन अग्निहोत्री ने कहा- सार्वभौमिक महत्व वाली एक संवेदनशील फिल्म बनाना चाहता था
ज्ञात हो कि इस फिल्म को लेकर एक राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है. कांग्रेस ने इस फिल्म को लेकर कुछ आपत्तियां उठाई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने फिल्म के बारे में विस्तार से बात की और आरोप लगाया कि विभाजन और आपातकाल के दर्द को सामने लाते हुए अभी तक कोई फिल्म बनाने का प्रयास नहीं हुआ क्योंकि ‘‘सच्चाई को दबाने का’’ लगातार प्रयास किया गया.
भाजपा की ओर से जारी किए गए एक वीडियो के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों कश्मीर फाइल्स की खूब चर्चा हो रही है. जो लोग हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के झंडे लेकर घूमते हैं, वह पूरी जमात बौखला गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यों के आधार पर इसकी विवेचना करने के बजाए, इसको बदनाम करने के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है. यह पूरा इकोसिस्टम...अगर कोई सत्य उजागर करने का साहस करें...तो बौखला जाता है. वह वही प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं जिसे वह सत्य मानते हैं. पिछले चार-पांच दिनों से यही कोशिश हो रही है कि लोग सत्य को ना देख सकें.’’
इतिहास को सही स्वरूप पेश करने की महत्ता को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि यह देश की भलाई के लिए होता है और उसके कई पहलू हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को एक चीज नजर आती हैं तो किसी को दूसरी चीज नजर आएगी. जिसको लगता है, यह फिल्म ठीक नहीं वह दूसरी बनाए. कौन मना करता है? लेकिन उनको हैरानी हो रही है कि जिस सत्य को इतने सालों तक दबाकर रखा गया, उसको तथ्यों के आधार पर अब बाहर लाया जा रहा है.’’
उन्होंने कहा कि जो सत्य के लिए खड़े रहे, उन्हें इसके पक्ष में भी खड़ा होना चाहिए. मोदी ने इस अवसर पर महात्मा गांधी का उल्लेख किया और कहा कि आजादी के बाद दुनिया ने मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला के बारे में ज्यादा सुना. उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी ने गांधी पर फिल्म बनाने का प्रयास किया होता ओर उसे दुनिया के सामने पेश किया होता तो संदेश चला गया होता.’’
उन्होंने कहा कि गांधी पर फिल्म बनाई भी तो एक विदेशी ने. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं लेकिन किसी ने अभी तक आपातकाल पर कोई फिल्म नहीं बनाई क्योंकि सच को हमेशा दबाने का प्रयास किया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने 14 अगस्त को विभाजन त्रासदी दिवस मनाने का फैसला किया तो कुछ लोगों को इससे भी दिक्कत थी...लेकिन देश कैसे वह दिन भूल सकता है.’’ कई भाजपा शासित राज्यों ने कश्मीर फाइल्स को कर मुक्त किया है.
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