बेंगलुरु, पांच नवंबर कर्नाटक शराब कारोबारी संघ ने आरोप लगाया है कि आबकारी मंत्री आर. बी. थिम्मापुर के कार्यालय ने आबकारी विभाग के विभिन्न अधिकारियों को बेंगलुरु और उसके आसपास स्थानांतरित करके 16 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।
मंत्री ने हालांकि आरोपों को खारिज कर दिया है जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा है।
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्य सचिव और कर्नाटक के लोकायुक्त को लिखे पत्र में संघ ने आरोप लगाया कि मंत्री का कार्यालय बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है।
कर्नाटक के शराब कारोबारियों के संगठन ने पत्र में लिखा है, “बेंगलुरु में आबकारी मंत्री के कार्यालय में आबकारी विभाग के अधिकारियों के तबादले और चुनाव के लिए अधिकारियों से अवैध रूप से धन एकत्र करके भारी रिश्वतखोरी और धन शोधन किया गया।”
शराब कारोबारी संघ ने कहा कि पिछले दो से साढ़े तीन वर्षों में बेंगलुरु और उसके आसपास स्थानांतरण के लिए आबकारी विभाग के तीन उपायुक्तों, नौ अधीक्षकों, 13 उपाधीक्षकों और 20 निरीक्षकों से एक ही दिन में लगभग 16 करोड़ रुपये एकत्र किए गए क्योंकि उनका कार्यकाल एक महीने के अंदर पूरा होने वाला था।
पत्र में एक उपायुक्त के नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि वह स्थानांतरण के लिए प्रत्येक अधिकारी से 25 से 40 लाख रुपये के बीच धन एकत्र कर रहा था।
संघ ने कहा कि बेंगलुरु में कार्यरत उपायुक्तों (आबकारी) से 2.5 करोड़ रुपये से तीन करोड़ रुपये तक एकत्र किए गए।
शराब कारोबारियों के संगठन ने ‘‘इस भ्रष्टाचार में शामिल’’ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
थिम्मापुर ने हावेरी जिले के शिगगांव में पत्रकारों से कहा, “ऐसा कुछ नहीं हुआ। आपको उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने पैसे क्यों दिए। अगर सबकुछ ठीक है तो कोई क्यों पैसे देगा।”
उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि यदि अधिकारियों ने धन उगाही की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा, “बात यह है कि जब ये लोग (शराब करोबारी) कुछ गलत करते हैं तो ये (अधिकारी) उन्हें परेशान करते हैं। शराब कारोबारियों को खुद को सुधारना चाहिए।”
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने आरोप लगाया कि राज्य में 700 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कर्नाटक शराब करोबारी संघ ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य के आबकारी विभाग के मंत्री आर. बी. थिम्मापुर बड़े पैमाने पर जबरन वसूली और रिश्वतखोरी में लिप्त हैं। इससे कर्नाटक में सरकार के सिलसिलेवार घोटालों से जुड़ा एक और काला कारनामा उजागर हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि संगठन ने आरोप लगाया है कि मंत्री ने 30 से 70 लाख रुपये के बीच रिश्वत राशि लेने के बाद सीएल 7 बार लाइसेंस दिए थे।
अशोक ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में, आबकारी विभाग मंत्री ने ऐसे 1,000 अवैध लाइसेंस दिए गए, जिनके चलते 300 से 700 करोड़ रुपये तक का भ्रष्टाचार हुआ है।
भाजपा नेता ने कहा, “महर्षि वाल्मिकी एसटी विकास निगम घोटाला, एमयूडीए भूमि घोटाला, केआईएडीबी भूमि घोटाला, वक्फ घोटाला के बाद यह शराब घोटाला पिछले 17 महीने में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के सिलसिलेवार घोटालों के तहत एक और घोटाला है।’’
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