बेलागावी (कर्नाटक), 18 दिसंबर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा को यह आश्वासन दिया कि वक्फ संपत्तियों पर बने मंदिरों को सरकार नहीं हटाएगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा।
वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों, मंदिरों और कई अन्य व्यक्तियों को बेदखली नोटिस जारी करने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर वक्फ संपत्तियों पर मंदिर बनाए गए हैं तो हम उन्हें नहीं हटाएंगे। मैं यह बहुत स्पष्ट कर रहा हूं। अगर कोई नोटिस जारी किया गया है, तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा।’’
विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा वक्फ का मुद्दा उठाए जाने पर वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने स्पष्ट किया कि अगर किसानों तथा मंदिरों को नोटिस दिए गए हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भी कहा कि किसी भी किसान को उस जमीन से बेदखल नहीं किया जाएगा जिस पर वह खेती कर रहा है।
भाजपा विधायक अरागा ज्ञानेंद्र ने सरकारी अभिलेखों से वक्फ के रूप में दर्ज संपत्तियों को भी हटा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटिस वापस लिए जाने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
विपक्षी भाजपा के नेता आर. अशोक ने मांग को उचित ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गृह जिले मैसूरु के कृष्णा राजा निर्वाचन क्षेत्र में 110 कुरुबा परिवार हैं, जो नोटिस के कारण दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने सिद्धरमैया को कई बार ज्ञापन सौंपे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
मंत्री खान ने 2014 में भाजपा द्वारा घोषणापत्र में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने का वादा किए जाने की याद दिलाई।
मुख्यमंत्री ने वक्फ संपत्तियों को बचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में 1.10 लाख एकड़ वक्फ संपत्तियां थीं, जो अतिक्रमण और इनाम उन्मूलन अधिनियम जैसे कानून के विभिन्न प्रावधानों के कारण अब घटकर मात्र 20 हजार एकड़ रह गई हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)