अर्थव्यवस्था के ‘मोदानी-करण’ के कारण देश में नौकरियों का अकाल: कांग्रेस

कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के ‘मोदानी-करण’ के कारण ही देश में नौकरियों का भयंकर अकाल है, जो पिछले 10 साल के ‘अन्याय काल’ की पराकाष्ठा है.

Jairam Ramesh

नयी दिल्ली, 4 फरवरी : कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के ‘मोदानी-करण’ के कारण ही देश में नौकरियों का भयंकर अकाल है, जो पिछले 10 साल के ‘अन्याय काल’ की पराकाष्ठा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर हमला करते हुए भारतीय श्रम बाजार में रोजगार सृजन में दीर्घकालिक रुझानों के विश्लेषण का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘देश में नौकरियों का अकाल अर्थव्यवस्था के मोदानी-करण के कारण हुआ है.’’

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार युवाओं के लिए न्याय की तत्काल आवश्यकता का उल्लेख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब भारत में बेरोजगारी को लेकर किए गए एक नए विश्लेषण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले 10 साल के कार्यकाल के दौरान पैदा हुए रोजगार संकट को सामने ला दिया है. रमेश ने कहा कि यह विश्लेषण दुनिया के सबसे अच्छे अर्थशास्त्रियों में से एक, ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स’ के प्रोफेसर द्वारा किया गया है.

रमेश ने कहा, ‘‘10 साल पहले की तुलना में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान कम लोग काम-धंधे में लगे हैं, युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और नौकरियों में वेतन कम मिल रहा है.’’ विश्लेषण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘नौकरी करने वाले भारतीयों का प्रतिशत अभी भी 10 साल पहले की तुलना में कम है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में युवा बेरोजगारी दर सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंच गई है. यह आज आठ प्रतिशत से ऊपर है, जो 10 साल पहले के चार प्रतिशत के आंकड़े से काफी ज्यादा है.’’

रमेश ने कहा कि 30 से भी ज्यादा वर्षों में पहली बार वेतन पाने वाले श्रमिकों की हिस्सेदारी कम हुई है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत से लगातार बढ़कर लगभग 25 प्रतिशत हो गया था, लेकिन अब वापस 22 प्रतिशत पर आ गया है. रमेश ने दावा किया, ‘‘यहां तक कि बचे हुए उन भाग्यशाली लोगों, जिनके पास नौकरियां हैं, उनकी कमाई भी महंगाई के हिसाब से मोदी सरकार के कार्यकाल में बिल्कुल नहीं बढ़ी है.

वेतन पाने वाले श्रमिकों की कमाई पांच साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत और ग्रामीण मजदूरों की कमाई पांच प्रतिशत कम है.’’

उन्होंने आरोप लगाया कि इस बीच प्रधानमंत्री युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए देश की सम्पत्ति को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंप रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आज, शीर्ष की 20 कंपनियां 90 प्रतिशत मुनाफा कमा रही हैं, जबकि भारत की लाखों अन्य कंपनियों का मुनाफा कुल मिलाकर केवल 10 प्रतिशत है. 2014 में, बाजार बहुत अधिक निष्पक्षता के साथ काम करता था. तब शीर्ष 20 कंपनियों का मुनाफा केवल 40 प्रतिशत था.’’

रमेश ने कहा कि 2014 में आठ अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अडाणी दुनिया के 609वें सबसे अमीर व्यक्ति थे. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन पिछले 10 साल में ‘मोदी मैजिक’ से उनकी संपत्ति 10 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर हो गई है। वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. प्रधानमंत्री ने अडाणी को खुले दिल से छह हवाई अड्डे, ऊर्जा संयंत्र, गैस पाइपलाइन और अब मुंबई में धारावी को उपहार की तरह दे दिया है.’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘यहां तक ​​कि हमारे सशस्त्र बलों के लिए हथियार बनाने का काम भी प्रधानमंत्री के इस सबसे क़रीबी मित्र को सौंप दिया गया है। इससे कितनी नौकरियां पैदा हुईं? बहुत कम.’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि 2019 में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कॉर्पोरेट करों में 25 प्रतिशत की कटौती की, जिससे प्रति वर्ष एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘14.5 लाख करोड़ रुपए के बैंक कर्ज माफ किए गए हैं। ये सभी लाखों करोड़ रुपए भारत के लोगों के हैं. इन्हें स्कूलों, अस्पतालों, सरकारी नौकरियों पर खर्च करना था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के मित्रों के भले के लिए लगा दिया गया.’’ रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के मोदानी-करण के कारण ही भारत में नौकरियों का भयंकर अकाल है। यह पिछले 10 साल के अन्याय काल की पराकाष्ठा है.’’कांग्रेस अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके को लेकर सरकार पर हमला कर रही है और बढ़ती बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि पर चिंता जता रही है.

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