Jheeram Valley Attack: शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ एनआईए की याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने 2013 के झीरम घाटी नक्सल हमले में बड़ी साज़िश के आरोप में दर्ज प्राथमिकी में छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ दायर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। इस हमले में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कई नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हुई थी।

Court | Photo Credits: Twitter

नयी दिल्ली, 21 नवंबर: उच्चतम न्यायालय ने 2013 के झीरम घाटी नक्सल हमले में बड़ी साज़िश के आरोप में दर्ज प्राथमिकी में छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ दायर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. इस हमले में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कई नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हुई थी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "माफ करें. हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. (याचिका) खारिज की जाती है."

एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पीठ से कहा कि घटना में बड़ी साजिश के पहलू की जांच एनआईए को करनी चाहिए क्योंकि मामले में दर्ज मुख्य प्राथमिकी की तहकीकात भी केंद्रीय एजेंसी कर रही है. उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने एनआईए को रिकॉर्ड सौंपने से इनकार कर दिया, तो एजेंसी ने निचली अदालत का रुख किया, जिसने याचिका खारिज कर दी.

राजू ने कहा, “ इसके बाद निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका भी उच्च न्यायालय ने दो मार्च 2022 को खारिज कर दी.”

उन्होंने कहा कि जब मुख्य मामले की जांच एनआईए कर रही है, तो उसी घटना से संबंधित पृथक प्राथमिकी की जांच किसी अन्य एजेंसी द्वारा नहीं की जा सकती. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएनएस नाडकर्णी और वकील सुमीर सोढ़ी ने कहा कि राज्य ने शुरू में एनआईए से घटना में बड़ी साजिश के पहलू की जांच करने का अनुरोध किया था लेकिन उसने इनकार कर दिया. नाडकर्णी ने कहा, “ इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र से आग्रह किया कि बड़ी साज़िश की जांच सीबीआई को सौंप दें क्योंकि एनआईए ने तफ्तीश से इनकार कर दिया है.

केंद्र ने जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया. फिर राज्य सरकार क्या कर सकती थी. इसने पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने और बड़ी साजिश की जांच करने को कहा.” पीठ ने शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के वकील को भी सुना. उन्हीं की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पच्चीस मई 2013 को बस्तर जिले के दरभा इलाके की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था.

जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्यचरण शुक्ला की मौत हो गई थी. भारी हथियारों से लैस नक्सलियों ने घात लगाकर हमला तब किया था जब 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार किया जा रहा था और कांग्रेस नेता बस्तर जिले में 'परिवर्तन रैली' में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे.

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