बांदा (उप्र), छह जनवरी बाल यौन शोषण मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद सिंचाई विभाग का कनिष्ठ अभियंता (जेई) रामभवन बृहस्पतिवार से सात दिन और केंद्रीय जांच ब्यूरो की हिरासत में रहेगा।
पॉक्सो अदालत ने बुधवार को इसकी इजाजत दे दी। इस दौरान सीबीआई के अधिकारी एम्स की विधिविज्ञान प्रयोगशाला में उसकी शारीरिक, खून और आवाज की जांच करवाएंगे।
पॉक्सो अदालत में मामले की पैरवी कर रहे जिले के सहायक शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) मनोज दीक्षित ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो-प्रथम) के न्यायाधीश मोहम्मद रिजवान अहमद ने आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उपाधीक्षक (सीओ) और मामले के विवेचक (जांच अधिकारी) अमित कुमार के 21 दिसंबर 2020 को दिए तीन प्रत्यावेदनों को मंजूर करते हुए आरोपी जेई रामभवन की शारीरिक, खून और आवाज की जांच कराने की इजाजत दे दी। अब जेई बृहस्पतिवार से अगले सात दिन तक एक बार फिर सीबीआई के अधिकारियों की हिरासत में रहेगा।
इसके पहले साक्ष्य संकलित करने के लिए अदालत ने सीबीआई को उसका पांच दिन का रिमांड दिया था।
उन्होंने बताया कि ये सभी जांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में होंगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बच्चों का यौन शोषण करने और उनके अश्लील वीडियो व अश्लील फोटो पॉर्न साइटों को बेचने का एक मामला 31 अक्टूबर 2020 को दर्ज कर 16 नवंबर को जेई रामभवन को गिरफ्तार किया था। वह 18 नवंबर से न्यायिक हिरासत में बांदा की जेल में बंद है।
इसी मामले में षड्यंत्र के आरोप में जेई की पत्नी दुर्गावती 28 दिसंबर से न्यायिक हिरासत में इसी जेल में बंद है। दोनों (जेई और उसकी पत्नी दुर्गावती) अब 18 जनवरी को अदालत में पेश होंगे।
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