छत्रपति संभाजीनगर, 17 सितंबर : महाराष्ट्र में मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को अपने समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया. जरांगे का एक साल से अधिक की अवधि में यह छठा अनशन है. उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर से लगभग 75 किलोमीटर दूर जालना जिले के अपने पैतृक स्थान अंतरवाली सराटी गांव में मध्य रात्रि से अनशन शुरू किया.
अपने आंदोलन से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार पर समुदाय को जानबूझकर आरक्षण नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि मराठा अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘एक और मौका’ दे रहे हैं. जरांगे उस मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयरे' (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री ने ओडिशा सरकार की ‘सुभद्रा’ योजना की शुरुआत की; 3,800 करोड़ रु की परियोजनाओं का अनावरण
जरांगे ने कहा कि वह यह भी चाहते हैं कि उनके आंदोलन के दौरान मराठा समुदाय के कई सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं. उन्होंने कहा, "मराठा समुदाय मेरे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन सरकार जानबूझकर आरक्षण नहीं दे रही है. इसके अलावा, वे कहते हैं कि हम राजनीतिक बोल रहे हैं...मैं अब राजनीतिक नहीं बोलूंगा, लेकिन यह उपमुख्यमंत्री फडणवीस के लिए एक और मौका है."