जम्मू, 16 अक्टूबर : जम्मू कश्मीर में सेना के सात जवानों की हत्या करने में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए पुंछ और राजौरी जिलों के वन्य क्षेत्रों में चलाया जा रहा सघन तलाशी अभियान शनिवार को छठे दिन भी जारी है. अधिकारियों ने बताया कि सेना और पुलिस के संयुक्त तलाश दल ने पुंछ के मेंढर इलाके में जैसे ही अभियान फिर से शुरू किया तो गोलियां चलने की आवाज सुनी गयी. बहरहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तलाश दलों ने आतंकवादियों को उकसाने के लिए यह गोलीबारी की या आतंकवादियों के साथ फिर से मुठभेड़ शुरू हुई है. उन्होंने बताया कि यह इलाका पर्वतीय है और जंगल घना है जिससे अभियान मुश्किल और खतरनाक हो गया है. मेंढर का एक बड़ा वन्य क्षेत्र बृहस्पतिवार से कड़ी सुरक्षा घेराबंदी में है जब राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह नार खास वन में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. दोनों जवान उत्तराखंड के थे.
इससे पहले 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत सेना के पांच जवान उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट वन में सेना के एक गश्ती दल पर हमला कर दिया था. उसी दिन राजौरी के थानामंडी जंगल में फरार आतंकवादियों और सेना के तलाश दल के बीच मुठभेड़ हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि मेंढर से थानामंडी तक के पूरे वन क्षेत्र की कड़ी घेराबंदी कर दी गयी है और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है. आतंकवादी घेराबंदी से बचने की कोशिश में एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं. राजौरी-पुंछ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक विवेक गुप्ता ने मंगलवार को बताया था कि पुंछ में सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल आतंकवादी पिछले दो से तीन महीनों से इलाके में मौजूद थे. यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में नक्सली संगठन ने चार राज्यों में किया बंद का ऐलान
जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में इस साल जून के बाद से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गयी है. अलग-अलग मुठभेड़ों में नौ आतंकवादी मारे जा चुके हैं. इस बीच, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि राइफलमैन नेगी और सिंह के पार्थिव शरीर शनिवार सुबह विमान से उत्तराखंड ले जाए गए. हवाईअड्डे से जवानों का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके गृह नगर ले जाए जाएंगे और पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.