देश की खबरें | जम्मू कश्मीर विस चुनाव : उमर अब्दुल्ला ने दूसरे चरण में कम मतदान के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

श्रीनगर, 26 सितंबर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में श्रीनगर जिले में कम मतदान इस केंद्रशासित प्रदेश में स्थिति को सामान्य दिखाने की केंद्र की कोशिश पर शायद लोगों की प्रतिक्रिया है।

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को दूसरे चरण का मतदान हुआ जिसमें 56 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पांच जिलों बडगाम, गांदेरबल, रियासी, पुंछ और राजौरी में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जबकि श्रीनगर जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों में मात्र 29.81 प्रतिशत मतदान हुआ।

विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को करीब 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था।

उमर अब्दुल्ला ने बारामूला के सीमावर्ती उरी शहर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं, तो मुझे उम्मीद थी कि उच्च मतदान होगा क्योंकि कोई बहिष्कार का आह्वान नहीं था, हमले नहीं हुए, मतदाताओं को डराया-धमकाया नहीं गया। मुझे लगता है कि इसके लिए केंद्र भी जिम्मेदार है। उसने उच्च मतदान को सामान्य स्थिति के संकेत के रूप में पेश करने की कोशिश की। उसे ऐसा दिखाने की चेष्टा की जैसे कि लोगों ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को स्वीकार कर लिया है। शायद यह श्रीनगर की प्रतिक्रिया हो, क्योंकि श्रीनगर के लोग गलत संकेत नहीं भेजना चाहते हैं।’’

गांदेरबल और बडगाम से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि विदेशी राजनयिकों को कश्मीर में चुनाव दिखाने के लिए बुलाना एक भूल थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र ने राजनयिकों को बुलाकर एक अन्य गलती कर डाली। शायद वह दिखाना चाहता था कि श्रीनगर में उच्च मतदान प्रतिशत एक बड़े बदलाव का संकेत है। श्रीनगर के लोग नहीं चाहते थे कि उनका इस तरह इस्तेमाल किया जाए, इसलिए उन्होंने कम संख्या में वोट डाला। लेकिन मैं उनके प्रति आभारी हूं जो मतदान करने बाहर आये, चाहे उन्होंने जिस किसी को वोट डाला हो।’’

अमेरिका, नार्वे और सिंगापुर समेत 16 देशों के राजनयिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जम्मू कश्मीर में चुनाव का निरीक्षण किया था।

पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने निकले अब्दुल्ला ने कहा कि बारामूला, बांदीपुरा और कुओवाड़ा जिले पारंपरिक रूप से उच्च मतदान प्रतिशत वाले क्षेत्र रहे हैं और इस बार इसमें कोई अंतर होने का कोई कारण नहीं है।

एक अक्टूबर को जम्मू कश्मीर में तीसरे चरण का चुनाव है।

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