नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर विदेश मंत्री एस जयशंकर विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रविवार से वियतनाम और सिंगापुर की छह दिवसीय यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के पहले चरण में, जयशंकर कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करने और सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए 15 से 18 अक्टूबर तक वियतनाम का दौरा करेंगे।
दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार पर चिंताओं के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के प्रतिबिंब के रूप में, भारत द्वारा वियतनामी सशस्त्र बलों को ‘आईएनएस कृपाण’ उपहार में देने के तीन महीने से भी कम समय बाद जयशंकर की वियतनाम की यात्रा हो रही है।
यह पहली बार है कि भारत ने किसी मित्र देश को पूरी तरह से परिचालन वाला नौसेना पोत सौंपा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और वियतनाम एक मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं। वियतनाम हमारी ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का एक प्रमुख सदस्य है। विदेश मंत्री की यात्रा कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करने और द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।’’
जयशंकर वियतनाम के विदेश मंत्री बुई थान सोन के साथ आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे।
जयशंकर भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे और हो ची मिन्ह शहर में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे।
इसने कहा, ‘‘अपनी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अपने सिंगापुर के समकक्ष और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। वह भारतीय मिशन प्रमुखों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।’’
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