देश की खबरें | जयशंकर ने भारत के ‘वैश्विक श्रमबल’ बनाने के प्रयासों में प्रवासी समुदाय के महत्व को रेखांकित किया

भुवनेश्वर, नौ जनवरी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत द्वारा ‘‘वैश्विक श्रमबल’’ बनाए जाने के प्रयासों के बीच प्रवासी समुदाय का महत्व हर साल बढ़ता जा रहा है।

यहां प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में भारत वंशियों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं कि विदेश में मुश्किल समय में नरेन्द्र मोदी सरकार ‘‘उनकी मदद के लिए तैयार है’’।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘वैश्वीकरण के दौर में, हर गुजरते साल के साथ प्रवासी समुदाय का महत्व बढ़ता जा रहा है, चाहे प्रौद्योगिकी हो, सर्वोत्तम कार्यप्रणाली हो या संसाधन, चाहे पर्यटन हो, व्यापार हो या निवेश, दोनों तरफ से प्रयास जरूरी है क्योंकि हम वैश्विक श्रमबल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि प्रवासी समुदाय की भूमिका बहुत बड़ी है क्योंकि वे भारत और उन देशों के बीच सेतु का काम करते हैं जहां वे रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के जन-केंद्रित बदलावों से प्रवासी भारतीयों को भी लाभ मिल रहा है।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ये कारोबार सुगमता को बढ़ावा दे सकते हैं, जीवन जीना आसान बना सकते हैं, संपर्क और यात्रा को सुविधाजनक बना सकते हैं। प्रवासी भारतीयों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग भी स्पष्ट है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दशक में, हमने पासपोर्ट जारी करने और नवीनीकरण के साथ-साथ सत्यापन प्रक्रिया का सरलीकरण देखा। वाणिज्य दूतावास सेवाओं में सुधार हुआ, कल्याणकारी उपायों में वृद्धि हुई है और शिकायत निवारण मंच प्रभावी हुए हैं। दुनियाभर में दूतावास और वाणिज्य दूतावास अधिक उत्तरदायी हुए हैं। मुश्किल समय में, आप आश्वस्त हो सकते हैं कि मोदी सरकार आपके साथ है।’’

उन्होंने कहा कि ओडिशा में प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी नरेन्द्र मोदी सरकार की पूर्वोदय नीति को दर्शाती है।

जयशंकर ने कहा कि कई मायनों में, ओडिशा भारत के इतिहास और संस्कृति की समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का दर्शन हो, या लिंगराज भगवान का, कोणार्क मंदिर में जाना हो, सांस्कृतिक उत्सवों, लोक कलाओं, राज्य के उत्पादों और व्यंजनों का अनुभव करना हो, आप में से कई लोगों ने अपनी इस यात्रा के दौरान इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया होगा।’’

जयशंकर ने कहा, "लेकिन विदेश मंत्री के तौर पर मैं ओडिशा के बाहरी प्रभाव को भी उजागर करना चाहता हूं। प्रसिद्ध बाली यात्रा दरअसल भारत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति की अग्रदूत है। जब हम खुद को हिंद-प्रशांत राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं, तो हम यह ओडिशा के पूर्वी समुद्र तट से करते हैं। यह सभा आप सभी को हमारी विरासत, परंपराओं और पहचान को और अधिक मजबूती से पोषित करने के लिए प्रेरित करेगी।"

उन्होंने जनसमूह से कहा ‘‘इस अवसर पर आप जो संदेश हासिल करेंगे, वह एक ऐसे भारत का है जो अधिक आत्मविश्वासी, आधुनिक और समावेशी है। जहां परंपरा और तकनीक साथ-साथ चलते हैं। जब विकसित भारत की ओर कदम बढ़ रहे हैं तो आप में से प्रत्येक अपने तरीके से यह लक्ष्य हासिल करने में योगदान दे सकता है।’’

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