विदेश की खबरें | जयशंकर और ब्लिंकन ने की मुलाकात; कोविड-19, हिंद-प्रशांत पर की चर्चा

लंदन/वाशिंगटन, चार मई विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आमने-सामने की अपनी पहली बैठक में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के तरीकों, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हालात और बहुराष्ट्रीय मंचों में सहयोग पर चर्चा की।

जयशंकर चार दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन आए हैं। उन्होंने जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर सोमवार को ब्लिंकन से मुलाकात की।

जयशंकर ने कोविड-19 से निपटने में भारत का सहयोग करने के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया।

जयशंकर ने ट्वीट किया कि मंगलवार से शुरू हो रहे जी7 देशों के विदेश एवं विकास मंत्रियों के शिखर सम्मेलन से पहले उन्होंने और ब्लिंकन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और म्यांमा संबंधी मामलों पर चर्चा की।

भारत को कोविड-19 चुनौती से निपटने में अमेरिका से मिल रही मदद, विशेषकर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा की आपूर्ति पर वार्ता के दौरान ध्यान केंद्रित किया गया।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘अपने पुराने मित्र विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात कर अच्छा लगा। उनके साथ वैश्विक कोविड-19 चुनौती पर विस्तार से वार्ता हुई और टीकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस मुश्किल समय में, खासकर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के मामले में भारत को अमेरिका से मिल रहे मजबूत सहयोग की सराहना की।’’

इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में जारी एक बयान में बताया कि दोनों नेताओं ने भारत के लिए अमेरिकी मदद समेत कोविड-19 से निपटने के हालिया प्रयासों की समीक्षा की और इस वैश्विक महामारी के दौरान हर देश के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

प्राइस ने कहा कि जयशंकर और ब्लिंकन ने ‘‘कोविड-19 चुनौती से निपटने और अमेरिका एवं भारत के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने’’ पर चर्चा की।

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान ब्लिंकन ने जलवायु संकट से निपटने और हिंद-प्रशांत में अग्रणी साझेदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की पुन: पुष्टि की।

प्राइस ने कहा, ‘‘उन्होंने जी7 के मेहमान देश के तौर पर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत बहुराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।’’

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय एवं वैश्विक मामलों पर अमेरिका और भारत के बीच सहयोग जारी रखने की इच्छा जताई।

इससे पहले जयशंकर ने इसे बहुत अच्छी बैठक करार दिया था।

वह लंदन में ब्लिंकन के साथ संवाददाताओं के सामने आए और उन्होंने कहा, ‘‘हमने सबसे पहले कोविड-19 हालात से निपटने में अमेरिका से मिल रहे मजबूत सहयोग पर बात की। हम इसकी बहुत सराहना करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने टीकाकरण क्षमताओं को विस्तार देने में वैश्विक स्तर पर गठजोड़ के तरीकों पर चर्चा की।’’

ब्लिंकन ने संक्षिप्त टिप्पणी करते हुए कोविड-19 संकट के दौरान अमेरिका के लिए भारत के सहयोग का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अच्छी तरह याद है कि कोविड-19 के शुरुआती दिनों में भारत कितनी मजबूती से हमारी सहायता के लिए आगे आया था।’’

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम इससे (कोविड-19 से) मिलकर लड़ रहे हैं और हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं।’’

इस बीच, नयी दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि जयशंकर और ब्लिंकन ने कोविड-19 चुनौती और भारत की तत्काल आवश्यकताओं पर गहराई से वार्ता की।

ब्लिंकन ने जयशंकर को आश्वासन दिया कि अमेरिका स्थिति पर निकटता से नजर रख रहा है और भारत को कोई भी आवश्यकता पड़ने पर वह सकारात्मक कदम उठाएगा।

सूत्रों ने बताया कि अमेरिका से चिकित्सा आपूर्तियों की अगली खेप जल्द ही भारत पहुंच जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, ब्लिंकन ने कहा कि भारत के लिए ऑक्सीजन एवं संबंधित उपकरणों की आपूर्ति अमेरिका की अहम प्राथमिकता बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने और रेमडेसिविर दवाओं की आपूर्ति के भारत के अनुरोध पर कदम उठाया है।

सूत्रों ने बताया कि जयशंकर और ब्लिंकन ने इस बात पर भी चर्चा की कि भारतीय टीकों के व्यापक स्तर पर निर्माण से भारत और विश्व की आवश्यकता कैसे पूरी होगी।

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय, चतुष्पक्षीय और बहुपक्षीय पहलों के जरिए सहयोग करेंगे।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘वार्ता के दौरान दोनों देशों के साझा हितों पर बात हुई। मत्रियों ने हालिया महीनों में व्यावहारिक सहयोग की दिशा में प्रगति की समीक्षा की।’’

सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एवं अन्य बहुपक्षीय संगठनों के समक्ष मौजूद एजेंडे पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत रणनीतिक परिदृश्य पर वार्ता की।

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