Jaipur Gas Tanker Accident: जयपुर गैस टैंकर हादसे में चालक पुलिस के सामने पेश, एसआईटी पूछताछ करेगी
जयपुर में गैस टैंकर हादसे में शामिल चालक जयवीर सोमवार को पुलिस के सामने पेश हुआ. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि घटना की जांच कर रहा विशेष जांच दल (एसआईटी) जयवीर से पूछताछ करेगा.
जयपुर, 24 दिसंबर : जयपुर में गैस टैंकर हादसे में शामिल चालक जयवीर सोमवार को पुलिस के सामने पेश हुआ. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि घटना की जांच कर रहा विशेष जांच दल (एसआईटी) जयवीर से पूछताछ करेगा. उत्तर प्रदेश के मथुरा का रहने वाला जयवीर (40) हादसे के समय टक्कर से होने वाले नुकसान को भांपते हुए समय रहते ही गैस टैंकर से निकल गया था. एलपीजी से भरे टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मारी थी, जिससे टैंकर के ‘नोजल’ टूट गए और उनसे गैस का रिसाव होने लगा. गैस रिसाव से लगी भीषण आग ने आसपास के 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया. हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. एसएमएस अस्पताल में 18 घायलों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है.
पुलिस के मुताबिक, जयवीर ने घटना के बाद दिल्ली में रहने वाले गैस टैंकर मालिक अनिल पंवार को फोन किया और फिर अपना फोन बंद कर लिया. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) अमित कुमार ने कहा, “हम टैंकर चालक को तुरंत दोषी नहीं ठहरा सकते, क्योंकि ट्रक चालक ने उसके वाहन को टक्कर मारी थी. जब टैंकर चालक ने देखा कि वाहन के ‘नोजल’ टूट गए, तो उसे लगा कि विस्फोट हो सकता है, क्योंकि अन्य चालक अपने वाहन चालू कर रहे थे. इसके बाद वह अपनी जान बचाने के लिए घटनास्थल से भाग गया.” मामले में विस्फोट वाले दिन यानी 20 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी और अब टैंकर चालक से पूछताछ की जा रही है. कुमार के अनुसार, टैंकर से टकराने वाले ट्रक के चालक की विस्फोट में मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जयवीर सोमवार को पुलिस के सामने पेश हुआ. यह भी पढ़ें : लड़ाकू विमान तेजस का उत्पादन बढ़ाए, खरीद में तेजी लाए मंत्रालय : संसदीय समिति
कुमार के मुताबिक, मामले की जांच कर रही एसआईटी जयवीर, पंवार और टैंकर कंपनी से वाहन की स्थिति और चालक के कामकाजी इतिहास के बारे में पूछताछ करेगी. उन्होंने बताया कि जयवीर दुर्घटनास्थल पर मौजूद नौ चालकों में से एक था, जो भागने में सफल रहा. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें लापरवाही से गाड़ी चलाना, लापरवाही से मौत का कारण बनना और जान को खतरे में डालकर चोट पहुंचाना शामिल है. राजस्थान उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य एवं केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2025 को होगी.