लखनऊ, 23 अक्टूबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है,पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ शुक्रवार को यहां 3,317 सहायक शिक्षकों को पद स्थापन एवं नियुक्तिपत्र वितरण समारोह के डिजिटल कार्यक्रम में बोल रहे थे।
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उन्होंने कहा कि याद कीजिये साढ़े तीन साल पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की शोहरत किस वजह से थी। अब उसके उलट यह नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि अब यहां नियुक्ति का एक मात्र मानक मेरिट है,आप लोगों का चयन खुद में इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि मौजूदा युग तकनीक का है। खुद भी तकनीकी रूप से अपडेट रहें और बच्चों को भी करें। तकनीक ही पारदर्शिता की कुंजी है। अगर तकनीक नहीं होती तो हम कोरोना वायरस महामारी की इस अभूतपूर्व संकट में जरूरतमंदों को पेंशन, भरण-पोषण भत्ता और किसान सम्मान निधि के रूप में एक क्लिक पर लाभ नहीं पहुचा पाते।
उन्होंने कहा कि तकनीक की वजह से ही हम कोरोना के इस दौर में ऑनलाइन प्रक्रिया से पठन-पाठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रख सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारी पूंजी हैं, जो जिस लायक है उसकी मेरिट का सम्मान करते हुए वह जगह मिल रही है।
उन्होंने कहा कि मेरिट के आधार पर ही हमने अब तक करीब 3.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। इतनी ही नौकरी देने जा रहे हैं। शुरुआत हो चुकी है।
उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धियों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि समय से सत्र, नकल विहीन परीक्षा और तय समय में नतीजे हमारी उपलब्धियां रहीं। साथ ही पठन-पाठन के क्षेत्र में भी विभाग ने गुणात्मक सुधार किया।
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