देश की खबरें | पांडियन की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने शानदार काम किया: नवीन पटनायक

भुवनेश्वर, आठ जून बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि ओडिशा विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए वी के पांडियन की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि उन्होंने 'शानदार काम' किया है।

ओडिशा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके पटनायक ने दोहराया कि तमिलनाडु से आये और नौकरशाह से राजनेता बने पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा के लोग तय करेंगे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।

नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि लोगों के फैसले को विन्रमता से स्वीकार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह हर संभव तरीके से ओडिशा के लोगों की सेवा करते रहेंगे।

उन्होंने पीटीआई-वीडियो से बात करते हुए कहा, ''पांडियन की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वह पार्टी में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कोई पद नहीं संभाला। उन्होंने किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा। जब भी मुझसे मेरे उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया मैंने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पांडियन नहीं हैं। मैं फिर से दोहराता हूं कि ओडिशा के लोग ही मेरे उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे।''

पटनायक ने कहा, ''एक अधिकारी के तौर पर उन्होंने (पांडियन) पिछले 10 वर्ष में विभिन्न क्षेत्रों में शानदार काम किया है चाहे वह दो चक्रवातों के दौरान हो या कोविड-19 महामारी के दौरान हो। इस अच्छे काम के बाद वे नौकरशाही से सेवानिवृत्त होकर बीजद में शामिल हो गए और बेहतरीन काम करके उन्होंने पार्टी में अपना योगदान दिया। वे एक ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें इसी बात के लिए याद किया जाना चाहिए।''

नवीन पटनायक का यह बयान पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा चुनाव में बीजद की हार पर पांडियन की आलोचना करने पर आया।

अपने स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए पटनायक ने कहा, ''मैं बताना चाहता हूँ कि मेरा स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। आपने देखा होगा कि मैंने पिछले महीने भीषण गर्मी के दौरान भी जोर-शोर से प्रचार किया था और यह मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के लिए काफी है।''

विधानसभा चुनाव में बीजद की हार के बारे में बात करते हुए पटनायक ने कहा, ''मुझे लगता है कि हमने हमेशा कोशिश की है और बेहतरीन काम किया है। हमारे पास अपनी सरकार और पार्टी पर गर्व करने के लिए बहुत कुछ है। लोकतंत्र में या तो आप जीतते हैं या हारते हैं।''

उन्होंने कहा, ''लंबे समय बाद शिकस्त मिलने पर हमें हमेशा जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि ओडिशा के 4.5 करोड़ लोग मेरा परिवार हैं। मैं उनकी हरसंभव सेवा करता रहूंगा।''

उन्होंने ओडिशा के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने बार-बार मुझे अपना आशीर्वाद दिया है।

भाजपा ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीट में से 78 पर जीत दर्ज कर बीजद के 24 साल के शासन को समाप्त करते हुए सत्ता हासिल की। वहीं, बीजद को केवल 51 सीट पर ही जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने 14 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट जीती और तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए।

बीजद राज्य की एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी, जबकि भाजपा 20 सीट पर कांग्रेस एक सीट पर विजयी रही।

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