देश की खबरें | ट्रेन के डिब्बों को आईसीयू में परिवर्तित करना संभव नहीं: रेलवे ने अदालत से कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. रेल मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बम्बई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ट्रेन के डिब्बों को कोविड-19 मरीजों के लिए आईसीयू में तब्दील करना संभव नहीं होगा क्योंकि उसमें काफी संरचनात्मक बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।

मुंबई, दो जुलाई रेल मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बम्बई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि ट्रेन के डिब्बों को कोविड-19 मरीजों के लिए आईसीयू में तब्दील करना संभव नहीं होगा क्योंकि उसमें काफी संरचनात्मक बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।

रेलवे ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कपूर की उस अर्जी के जवाब में एक हलफनामा दायर किया जिसमें अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि कोविड-19 के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए इस्तेमाल नहीं किए जा रहे ट्रेन के डिब्बों को पृथक-वास सुविधाओं या आईसीयू में तब्दील कर दिया जाए।

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हलफनामे में कहा गया है, ‘‘व्यापक संरचनात्मक फेरबदल और बड़े बदलावों के बिना ट्रेन के डिब्बों को आईसीयू में तब्दील करना संभव नहीं है। इन परिवर्तनों के लिए विस्तृत डिजाइन की आवश्यकता होगी और ऐसा केवल विस्तृत विनिर्माण इकाइयों में ही किया जा सकता है।’’

उसने कहा कि इसके अलावा, डिब्बों में पृथक-वास की सुविधाएं तब तक के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है जब तक रेलवे नियमित संचालन शुरू नहीं करता है।

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हलफनामे के अनुसार यदि बड़े संरचनात्मक बदलाव किये गए तो ट्रेन के डिब्बों का पुन: उपयोग यात्रियों के लिए नहीं किया जा सकेगा।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति एम एस कार्निक की खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान में, स्थिति ऐसी नहीं है कि डिब्बों को आईसीयू में परिवर्तित करने की जरूरत हो।

अदालत ने अपने आदेश में रेलवे द्वारा ट्रेन के डिब्बों को पृथक-वास इकाइयों के तौर पर इस्तेमाल के लिए किये गए बदलावों पर संतोष जताया।

रेलवे ने अपने हलफनामे में कहा कि मध्य रेलवे ने महाराष्ट्र में 24 रैक के 482 गैर-वातानुकूलित डिब्बों को अस्थायी पृथक-वास इकाइयों में परिवर्तित किया है।

इसी प्रकार, पश्चिम रेलवे ने 18 रैक के 410 गैर-एसी कोच को पृथक-वास इकाइयों में परिवर्तित किया है।

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