विदेश की खबरें | अमेरिका के साथ किसी भी समझौते के लिए ईरान को परमाणु संवर्धन रोकना होगा: अमेरिकी मंत्री
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ईरान इस बात पर जोर देता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम असैन्य ऊर्जा के क्षेत्र में उपयोग के लिए है। ईरान का कहना है कि उसका इरादा परमाणु बम बनाने के उद्देश्य से यूरेनियम बनाना नहीं है।

रुबियो ने पत्रकार बारी वीस के साथ बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यदि ईरान असैन्य परमाणु कार्यक्रम चाहता है, तो वह भी अन्य देशों की तरह ऐसा कर सकता है कि वह संवर्धित सामग्री का आयात करे।’’

ईरान यूरेनियम संवर्धन की अपनी क्षमता को समाप्त करने के लिए कदम उठाने से इनकार करता रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिका को उस परमाणु समझौते से बाहर निकाल लिया था जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ईरान हथियार बनाने में मददगार यूरेनियम संवर्धन की ओर न बढ़े।

यह समझौता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में किया गया था।

ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती महीनों में ईरान के साथ समझौते को लेकर वार्ता शुरू की थी। ट्रंप का कहना है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक सख्त समझौता करेंगे। इस संबंध में शनिवार को दूसरे दौर की वार्ता हुई और इस सप्ताहांत तकनीकी स्तर की वार्ता होने की संभावना है।

ईरान उस पर लगाए गए उन प्रतिबंधों में ढील चाहता है जिनके कारण उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है।

रुबियो ने कहा, ‘‘मैं हर किसी से कहूंगा कि हम ईरान के साथ किसी भी तरह के समझौते से बहुत दूर हैं।... शायद यह न हो सके। हम नहीं जानते ... लेकिन हम इस मामले में शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि यह क्षेत्र पहले से ही युद्ध से जूझ रहा है, ‘‘ऐसे में पश्चिम एशिया में कोई भी सैन्य कार्रवाई, चाहे वह ईरान के विरुद्ध हमारी ओर से हो या किसी और की ओर से, वास्तव में बड़े पैमाने पर संघर्ष को जन्म दे सकती है।’’

रुबियो ने कहा कि हालांकि ट्रंप के पास ‘‘ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने का पूरा अधिकार है, फिर भी वह शांति को प्राथमिकता देंगे।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)