नयी दिल्ली, तीन नवंबर उच्चतम न्यायालय ने भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिये जस्टिस (सेवानिवृत) एल एन राव समिति द्वारा रखी गई नयी तारीख को मंजूरी देते हुए कहा कि चुनाव 10 दिसंबर को होंगे ।
न्यायमूर्ति डी वाइ चंद्रचूड और हिमा कोहली ने नियमों के अनुसार आईओए के सदस्यों को संशोधित संविधान के मसौदे के प्रसार की अनुमति भी दे दी ताकि दस नवंबर को आमसभा की बैठक में इसे स्वीकृति दी जा सके ।
पीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायमूर्ति राव के दो नवंबर को इस दस्तावेज को जमा करने में दिखायी तत्परता की सराहना करती है कि उन्होंने राष्ट्र हित में यह जिम्मेदारी ली।
पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति, आईओए और राज्य संघों सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत की है।
पीठ ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव द्वारा प्रस्तुत किये गये इस दस्तावेज के संदर्भ में व्यापक सहमति है कि चुनाव 10 दिसंबर 2022 को होने चाहिए। प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है। ’’
इसमें आगे कहा गया, ‘‘आईओए के संविधान में प्रस्तावित संशोधनों को आज ही प्रसारित किया जाना होगा ताकि 10 नवंबर 2022 को आम सभा की बैठक हो सके। इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है। प्रस्तावित संशोधनों को प्रसारित करने की अनुमति दी गयी है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव प्रस्तावित संशोधनों के प्रसार के लिए तौर-तरीकों को तैयार करने के लिये स्वतंत्र हैं। ’’
पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायमूर्ति एल एन राव ने बताया है कि वह इस अदालत द्वारा नि:शुल्क सौंपे गये काम को करेंगे।
पीठ ने संविधान का मसौदा बनाने वाले जस्टिस राव के लिये 20 लाख रूपये पारिश्रमिक भी तय किया और कहा कि वह आईओए के सदस्यों के बीच इसके प्रसार की औपचारिकतायें भी तय करेंगे ।
न्यायालय ने देश भर की अदालतों को संविधान के मसौदे या कार्यकारी समिति के प्रस्तावित चुनाव संबंधी किसी भी याचिका को मंजूर करने से भी यह कहकर रोक दिया कि इस तरह की याचिकाओं की सुनवाई सिर्फ उसके समक्ष होगी ।
पीठ ने कहा, ‘‘कोई अन्य अदालत आईओए के संविधान में संशोधन या आईओए की कार्यकारी समिति के चुनाव से संबंधित किसी भी याचिका की सुनवाई नहीं करेगी। किसी भी व्यक्ति या पक्ष की सभी आपत्तियां सिर्फ इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जायेंगी । ’’
न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई सात दिसंबर मुकर्रर की है।
न्यायालय ने दस अक्टूबर को आईओए के तीन दिसंबर को होने निर्धारित चुनाव पर रोक लगाने को मंजूरी दे दी थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड की बैठक पांच दिसंबर को होनी है ।
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