Mutual Fund: इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश दिसंबर में बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये पर

मासिक एसआईपी योगदान दिसंबर में 11,305 करोड़ रुपये रहा, जो नवंबर में 11,005 करोड़ रुपये था. साथ ही एसआईपी या सिप खातों की संख्या 4.78 करोड़ से बढ़कर 4.91 करोड़ पहुंच गयी. एम्फी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘‘एसआईपी आम आदमी के लिये निरंतर निवेश और बचत के अनुशासित तरीके का पसंदीदा माध्यम रहा है. यह बढ़ते खातों की संख्या से स्पष्ट है.’’

म्यूचुअल फंड (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) में पूंजी प्रवाह दिसंबर में दोगुना से अधिक होकर 25,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इसका कारण नियमित तौर पर निवेश की योजना यानी एसआईपी (SIP) के प्रति बढ़ता रुझान और मल्टी-कैप कोष श्रेणी में पूंजी प्रवाह का बढ़ना है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार यह लगातार 10वां महीना है जब शुद्ध रूप से मासिक प्रवाह बढ़ा है. Investment Tips: जानिए इन्वेस्टमेंट के लिए Mutual Fund बेहतर ऑप्शन है या Share Market

इससे पहले, नवंबर में शुद्ध रूप से 11,615 करोड़ रुपये, अक्टूबर मे 5,215 करोड़ रुपये, सितंबर में 8,677 करोड़ रुपये और अगस्त में 8,666 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह हुआ था. आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में शुद्ध रूप से 25,077 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह हुआ जो जुलाई के बाद सर्वाधिक है. जुलाई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध रूप से 25,002 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.

इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी योजनाओं में शुद्ध रूप से प्रवाह मार्च, 2021 से जारी है और इस दौरान शुद्ध रूप से 1.1 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ. यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी से जुड़ी योजनाओं के प्रति निवेशकों के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है.

आंकड़ों के अनुसार, प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति दिसंबर के अंत में 37.72 लाख करोड़ रुपये रही, जो नवंबर के अंत में 37.34 लाख करोड़ रुपये थी.

मासिक एसआईपी योगदान दिसंबर में 11,305 करोड़ रुपये रहा, जो नवंबर में 11,005 करोड़ रुपये था. साथ ही एसआईपी या सिप खातों की संख्या 4.78 करोड़ से बढ़कर 4.91 करोड़ पहुंच गयी.

एम्फी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘‘एसआईपी आम आदमी के लिये निरंतर निवेश और बचत के अनुशासित तरीके का पसंदीदा माध्यम रहा है. यह बढ़ते खातों की संख्या से स्पष्ट है.’’

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