मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) को पुणे (Pune) के देहू में एक मंदिर (Temple) के उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की मौजूदगी में ‘बोलने की अनुमति नहीं’ दी. सुले ने इसे राज्य का अपमान करार दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे के समीप देहू में संत तुकाराम महाराज मंदिर (Sant Tukaram Maharaj Temple) में एक शिला मंदिर का मंगलवार को उद्घाटन किया. यह मंदिर 17वीं सदी के संत को समर्पित है. PM Modi Maharashtra Visit: पीएम मोदी पुणे के देहू पहूंचे, संत तुकाराम मंदिर का किया उद्घाटन
मोदी के भाषण के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भाषण दिया. सुले ने कहा कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कार्यक्रम को संबोधित किया, लेकिन अजित पवार को बोलने की अनुमति नहीं दी गई. सुले ने अमरावती में संवाददाताओं से कहा कि अजित पवार के कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुरोध किया था कि उन्हें कार्यक्रम को संबोधित करने की अनुमति दी जाए.
उन्होंने कहा कि पवार ने लोहेगांव हवाईअड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की. सुले ने कहा, ‘‘दादा (अजित पवार) के कार्यालय ने (प्रधानमंत्री कार्यालय से) अनुरोध किया था कि उन्हें कार्यक्रम में बोलने की अनुमति दी जाए, क्योंकि वह उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दादा के संबोधन को मंजूरी नहीं दी.’’
बारामती से सांसद सुले ने कहा, ‘‘यह बहुत आहत करने वाली, चौंकाने वाली और परेशान करने वाली घटना है. यह महाराष्ट्र का अपमान है. अगर हमारे उपमुख्यमंत्री मंच पर मौजूद हैं तो सभा को संबोधित करना उनका अधिकार है.’’ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘फडणवीस को बोलने देना उनका आंतरिक मामला है, लेकिन अजीत पवार को भी देहू कार्यक्रम में बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.’’
समारोह के वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जब मंच संचालक ने प्रधानमंत्री से भाषण देने का अनुरोध किया तो मोदी ने मंच पर अपने पास बैठे पवार से कुछ पूछा और इसके बाद सभा को संबोधित किया.
सुले ने बाद में ट्वीट कर कहा, ‘‘देहू में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस को संबोधित करने का अवसर दिया गया, लेकिन राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह महाराष्ट्र का अपमान है.’’
राकांपा विधायक अमोल मितकारी ने भी सुले के विचारों से सहमति जताई. इस बीच, अमरावती जिले में सुले और राकांपा कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कर इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मंदिर न्यास के मुख्य न्यासी नितिन मोरे ने विवाद पर कहा कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है.
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