प्रयागराज, 15 सितंबर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की छाता तहसील में बांके बिहारी मंदिर की भूमि की प्रविष्टियों को कब्रिस्तान के नाम करने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तहसील के अधिकारियों को प्रविष्टियां सही करने और उस भूमि को फिर से बांके बिहारी ट्रस्ट के नाम दर्ज करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बांके बिहारी जी सेवा ट्रस्ट मथुरा की ओर से दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया।
उच्च न्यायालय ने इससे पूर्व, छाता तहसील के तहसीलदार को यह स्पष्ट करने को कहा था कि कैसे बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के नाम दर्ज भूमि 2004 में कब्रिस्तान के नाम कर दी गई।
तहसील के अधिकारी यह नहीं बता सके थे कि कैसे और किसी आदेश के तहत पूर्व में दर्ज प्रविष्टियां कब्रिस्तान के नाम दर्ज कर दी गयी थी ।
अदालत ने रिकॉर्ड तलब किए थे और रिकॉर्ड पर गौर करने के बाद कब्रिस्तान और फिर आबादी के नाम दर्ज प्रविष्टियों को दरकिनार कर दिया था।
अदालत ने राजस्व अधिकारियों को दो महीने के भीतर उक्त भूमि को बांके बिहारी ट्रस्ट के नाम करने का निर्देश दिया।
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