UP: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- होटलों के बजाय सरकारी अतिथिगृहों में ठहरें मंत्री और अधिकारी
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मियों से कहा है कि वे जिलों में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान होटल के बजाय राज्य अतिथिगृहों में ठहरें. इसका उद्देश्य सरकारी धन की फिजूलखर्ची को रोकना है.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य सरकार (State Government) के मंत्रियों (Ministers) और अफसरों (Officers) को विभिन्न जिलों में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान होटल (Hotel) के बजाय राज्य अतिथिगृहों में ठहरने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही उन्होंने मंत्रियों को अपने निजी सचिव के तौर पर रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करने की हिदायत भी दी है.
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मियों से कहा है कि वे जिलों में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान होटल के बजाय राज्य अतिथिगृहों में ठहरें. इसका उद्देश्य सरकारी धन की फिजूलखर्ची को रोकना है. उन्होंने बताया कि योगी ने मंत्रियों से यह भी कहा है कि वे अपने निजी सचिव के तौर पर अपने रिश्तेदारों को नियुक्त न करें.
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में यह भी कहा है कि वे दोपहर के भोजन के लिये अपने काम से 30 मिनट से ज्यादा छुट्टी न लें. उन्होंने बताया कि आमतौर पर सरकारी दफ्तरों में दोपहर के भोजन का समय डेढ़ से दो बजे तक होता है लेकिन कुछ अधिकारी और कर्मचारी लंच ब्रेक के काफी देर बाद काम पर लौटते हैं.
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को हिदायत दी है कि 30 मिनट के भोजनावकाश के फौरन बाद वे काम पर लौट आयें. अधिकारी ने बताया कि ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गये हैं.
योगी ने सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों तथा कर्मचारियों के देर से पहुंचने पर कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर कार्यालय में सिटीजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू किया जाए.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा "सरकारी कार्यालयों में हर अधिकारी और कर्मचारी की समय से उपस्थिति होनी सुनिश्चित की जाए. लेटलतीफी कतई स्वीकार नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारी कार्यालयों का लगातार औचक निरीक्षण करें. लापरवाह, लेटलतीफ अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए."
उन्होंने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा, "आमजन की शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेते हुए निस्तारण किया जाए. हर कार्यालय में सिटीजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू किया जाए. किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिनों से अधिक लंबित न रहे. देरी होने पर जवाबदेही तय की जाए."
योगी ने प्रदेश में नियमविरुद्ध संचालित अथवा अधोमानक नर्सिंग कॉलेजों को चिन्हित कर उनके संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि बिना मान्यता के कॉलेज संचालन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. ऐसी हर जानकारी/शिकायत को पूरी गंभीरता से लेते हुए तत्परता से कार्रवाई की जाए.
मुख्यमंत्री ने गेहूं की सरकारी खरीद को बेहतर बनाने के लिए क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिले. हर हाल में किसान को उसके गेहूं का भुगतान तय समय-सीमा के भीतर हो जाना चाहिए. योगी ने सीमावर्ती कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण के नये मामलों में बढोत्तरी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे में सरहदी जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए.
उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को कोविड टीकाकवर उपलब्ध कराने का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है. राज्य में 30 करोड़ 56 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही अब तक 103.65% से ज्यादा वयस्क आबादी को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 85.63% लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है. हालांकि 12 से 14 और 15 से 17 आयु वर्ग के टीकाकरण की प्रगति संतोषप्रद है मगर इसे और तेज किया जाए.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)