गाजियाबाद, 15 फरवरी: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि ईंधन और उर्वरकों के दाम बढ़ गये हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में गन्ना खरीद की दर पिछले चार सालों से स्थिर बनी हुई है. उन्होंने दावा किया कि किसानों के गन्ने का 12000 करोड़ रुपये राज्य के पास बकाया है. बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान आंदोलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के समर्थन में भी है जिन्हें गन्ना उपज की उचित दर नहीं मिल रही है.
वह केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर से दिल्ली-उत्तरप्रदेश बार्डर पर किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं. पंजाब , हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य स्थानों के हजारों किसान नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं - गाजीपुर बार्डर, सिंघू बार्डर और टिकरी बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं. उनकी मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देते हुए नया कानून बनाये.
बीकेयू के एक बयान के अनुसार टिकैत ने कहा, ‘‘ शाहजहांपुर के गन्ना संस्थान ने 2019-20 के लिए 287 रूपये प्रति क्विंटल की दर तय की और फिर 2020-21 के लिए इसे 297 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया लेकिन किसानों को ये दरें भी नहीं मिल रही हैं. सरकार संस्थान द्वारा सुझायी गयी दरें भी नहीं लागू कर रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ गन्ना किसानों का 12000 करोड़ रूपये का बकाया आज लंबित है. लेकिन किसान को उचित दर नहीं मिल रही है और जो भी उन्हें मिलती है, उनपर भुगतान लंबित है.’’
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