यरुशलम, 26 नवंबर : फाइज़र-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लेने के 90 दिन बाद से संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. इज़राइल के ‘रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ल्यूमिट हेल्थ सर्विसेज’ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि टीके से मिलने वाली प्रतिरक्षा समय के साथ कम होती जाती है. साथ ही, इसमें तीसरी खुराक (बूस्टर डोज) की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है. इज़राइल में दिसंबर 2020 में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया गया था, लेकिन यहां जून 2021 से संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. दुनिया भर में, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि उच्च टीकाकरण दर वाले देशों में भी, संक्रमण अधिक फैल सकता है, क्योंकि समय के साथ टीके से मिलने वाली प्रतिरक्षा कम होती जाती है.
शोधकर्ताओं ने, औसतन 44 वर्ष की आयु वाले 80,057 वयस्कों के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड’ की समीक्षा की, जिन्होंने अपनी दूसरी खुराक लेने के कम से कम तीन सप्ताह बाद पीसीआर जांच कराई और उनके पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कोई सबूत नहीं थे. इन 80,057 प्रतिभागियों में से 7,973 (9.6 प्रतिशत) लोग संक्रमित पाए गए. फिर इन लोगों की रिपोर्ट को उसी आयु तथा जातीय समूह की रिपोर्ट से मिलाया गया, जिनकी जांच उसी सप्ताह की गई थी और जो संक्रमित नहीं पाए गए थे. अन्य संभावित प्रभावशाली कारकों पर गौर करने के बाद शोधकर्ताओं ने दूसरी खुराक के बाद समय बीतने के साथ संक्रमण का खतरा बढ़ा पाया. यह भी पढ़ें : COVID-19: फ्रांस ने बढ़ते मामलों से निपटने के लिए लॉकडाउन के बजाय वयस्कों को टीके की तीसरी खुराक देने का रास्ता चुना
दूसरी खुराक के शुरुआती 90 दिनों की तुलना में, सभी आयु समूहों में संक्रमण का जोखिम 90-119 दिनों के बाद 2.37 गुना अधिक, 120-149 दिनों के बाद 2.66 गुना अधिक, 150-179 दिनों के बाद 2.82 गुना अधिक और और 180 दिनों या उससे अधिक के बाद 2.82 गुना अधिक था. उन्होंने अध्ययन का निष्कर्ष निकाला कि जिन व्यक्तियों को फाइजर टीके की दो खुराकें दी गई हैं, उनमें समय के साथ प्रतिरक्षा कम होती दिखी