जरुरी जानकारी | औद्योगिक उत्पादन नवंबर में आठ महीनों के निचले स्तर 2.4 प्रतिशत पर खिसका

नयी दिल्ली, 12 जनवरी देश का औद्योगिक उत्पादन नवंबर में विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से घटकर आठ महीनों के निचले स्तर 2.4 प्रतिशत पर आ गया। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापी गई औद्योगिक उत्पादन वृद्धि नवंबर 2022 में 7.6 प्रतिशत रही थी।

आईआईपी वृद्धि का पिछला निचला स्तर मार्च, 2023 में 1.9 प्रतिशत रहा था। इस तरह नवंबर में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में औद्योगिक उत्पादन की अब तक की सबसे कम वृद्धि है।

इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में औद्योगिक उत्पादन की कुल वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही है जो एक साल पहले की समान अवधि के 5.6 प्रतिशत से अधिक है।

एनएसओ ने अक्टूबर महीने के लिए आईआईपी को संशोधित कर 11.6 प्रतिशत कर दिया है जो पिछले महीने जारी अस्थायी अनुमान में 11.7 प्रतिशत था।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पिछले वर्ष की समान अवधि की वृद्धि दर की व्याख्या कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई असामान्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर नवंबर में घटकर 1.2 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 6.7 प्रतिशत थी।

नवंबर, 2023 में बिजली उत्पादन की वृद्धि दर भी धीमी होकर 5.8 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह 12.7 प्रतिशत रही थी।

समीक्षाधीन महीने में खनन उत्पादन की वृद्धि दर भी एक साल पहले के 9.7 प्रतिशत से घटकर 6.8 प्रतिशत रह गई।

उपभोग पर आधारित वर्गीकरण के अनुसार, पूंजीगत उत्पाद खंड में इस साल नवंबर में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 20.7 प्रतिशत की उच्च वृद्धि रही थी।

आलोच्य अवधि में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में 5.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि एक साल पहले इसमें पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन भी एक साल पहले के 10 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले नवंबर, 2023 में 3.6 प्रतिशत घट गया।

बुनियादी ढांचे एवं निर्माण वस्तुओं के उत्पादन में भी इस दौरान 1.5 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी ही दर्ज की गई जबकि साल भर पहले यह 14.3 प्रतिशत बढ़ा था।

आंकड़ों से पता चलता है कि प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले की अवधि में वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत थी। वहीं मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन 3.5 प्रतिशत पर स्थिर रहा।

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