जरुरी जानकारी | अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन चार प्रतिशत गिरा, 26 महीने का निचला स्तर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर के महीने में चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले 26 महीनों की सर्वाधिक मासिक गिरावट है।
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर देश के औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर के महीने में चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले 26 महीनों की सर्वाधिक मासिक गिरावट है।
सरकार की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर, 2022 में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में यह गिरावट विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में कमी और खनन एवं बिजली उत्पादन क्षेत्रों के कमतर प्रदर्शन के कारण आई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े बताते हैं कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में आईआईपी में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वहीं औद्योगिक उत्पादन में इससे पहले सर्वाधिक 7.1 प्रतिशत की गिरावट अगस्त, 2020 में दर्ज की गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर, 2022 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.6 प्रतिशत गिरा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अक्टूबर के महीने में खनन क्षेत्र का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 2.5 प्रतिशत बढ़ा है जबकि बिजली उत्पादन की वृद्धि दर सिर्फ 1.2 प्रतिशत रही है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि पूंजीगत उत्पादों का उत्पादन इस महीने में 2.3 प्रतिशत गिर गया जबकि अक्टूबर, 2021 में यह गिरावट 1.6 प्रतिशत रही थी।
टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों के उत्पादन में 15.3 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई जबकि गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 13.4 प्रतिशत गिरा है। मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में भी 2.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एनएसओ आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर, 2022 में प्राथमिक वस्तुओं और ढांचागत एवं निर्माण उत्पाद खंड की वृद्धि दर क्रमशः दो प्रतिशत और एक प्रतिशत रही।
वहीं वित्त वर्ष के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में कुल आईआईपी वृद्धि दर घटकर 5.3 प्रतिशत रही है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 20.5 प्रतिशत रही थी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर कहा कि आईआईपी के आंकड़ों में गिरावट उम्मीद से कहीं ज्यादा रही है लेकिन यह निर्यात के कमजोर प्रदर्शन को भी परिलक्षित करता है। इसके अलावा त्योहारी मौसम के दौरान रही छुट्टियों से भी औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पूंजीगत उत्पादों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है क्योंकि यह निवेश में कमी की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि इससे निजी क्षेत्र के निवेश के अभी तक जोर नहीं पकड़ने की भी पुष्टि होती है।
एनएसओ आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-अक्टूबर, 2022 की अवधि में खनन क्षेत्र का कुल उत्पादन चार प्रतिशत बढ़ा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसकी वृद्धि दर 20.4 प्रतिशत रही थी।
इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र की कुल वृद्धि दर पांच प्रतिशत रही जो पिछले साल 21.8 प्रतिशत थी। वहीं बिजली उत्पादन 9.4 प्रतिशत बढ़ा है जो एक साल पहले की समान अवधि में 11.4 प्रतिशत बढ़ा था।
प्रेम
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