नयी दिल्ली, 12 जनवरी विनिर्माण और खनिज क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के चलते नवंबर माह में औद्योगिक उत्पादन में एक साल पहले के मुकाबले 1.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दो महीने बाद औद्योगिक उत्पादन नकारात्मक दायरे में पहुंचा है। आधिकारिक आंकड़ों में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 77.63 प्रतिशत का वजन रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में नवंबर माह के दौरान 1.7 प्रतिशत की गिरावट रही। वहीं, खनन क्षेत्र का उत्पादन भी इस दौरान 7.3 प्रतिशत घटा है।
हालांकि, समीक्षागत इस माह के दौरान बिजली उत्पादन सूचकांक में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
एक साल पहले नवंबर 2019 में आईआईपी में 2.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।
पिछले साल मार्च में कोविड- 19 महामारी फैलने से औद्योगिक उत्पादन में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। उसके बाद से अगस्त 2020 तक यह लगातार नकारात्मक दायरे में रहा। उसके बाद आर्थिक गतिविधिययां शुरू होने पर कारखाना उत्पादन में सितंबर माह में 0.48 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। उसके बाद अक्टूबर में इसमें 4.9 प्रतिशत की वृद्धि रही। इससे पहले अक्ट्रबर के लिये 3.6 प्रतिशत वृद्धि का शुरुआती आंकड़ा जारी किया गया था।
सरकार ने 25 मार्च 2020 को कोविड- 19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया था। इसके बाद प्रतिबंधों में धीरे धीरे ढील दिये जाने के बाद से आर्थिक गतिविधियों में सुधार दिखने लगा और इसके साथ ही विभिन्न संकेतकों को लेकर आंकड़ों की रिपोर्टिंग में भी सुधार आया। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह कहा है।
मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि महामारी के बाद के महीनों के आईआईपी के आंकड़ों का उससे पहले के आंकड़ों के साथ तुलना करना उपयुक्त नहीं होगा। विनिर्माण क्षेत्र में हालांकि, नवंबर 2019 में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं खनन क्षेत्र का उत्पादन नवंबर 2019 में 1.9 प्रतिशत बढ़ा था लेकिन बिजली उत्पादन पांच प्रतिशत घटा था।
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