अहमदाबाद, आठ जनवरी विपक्षी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भारत की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को दुनिया की इस तरह की सबसे 'खराब' व्यवस्था बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार केवल तर्कसंगत बनाने की आड़ में नए शुल्क लगाने में रुचि रखती है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रंगराजन मोहन कुमारमंगलम ने यहां कहा कि देश उस स्थिति पर पहुंच गया है जहां मध्यम वर्ग सरकार के कर राजस्व को सहारा दे रहा है क्योंकि कॉर्पोरेट व्यवसाय में मंदी के कारण अधिक कर राजस्व का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
मौजूदा प्रणाली को "कर आतंकवाद" बताते हुए कांग्रेस नेता ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी "दोषपूर्ण" जीएसटी प्रणाली को सुधारेंगे।
उन्होंने कहा, “ हमारे पास एक ऐसी सरकार है जिसने पूरी दुनिया में सबसे खराब जीएसटी व्यवस्था बनाई है। करीब 50 देशों में जीएसटी जैसी कर संग्रह व्यवस्था है, लेकिन किसी में भी ऐसी जटिलताएं नहीं हैं जो हमारी जीएसटी व्यवस्था में हैं।”
कांग्रेस नेता ने प्रेस वार्ता में कहा, “अभी पिछले महीने ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन अलग-अलग प्रकार के पॉपकॉर्न पर तीन अलग-अलग कर लगाकर जीएसटी को और भी जटिल बनाने की कोशिश की।”
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार अब सिर्फ उन लोगों पर कर लगाने की कोशिश कर रही है जो वास्तव में उत्पाद खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंत: खपत कम हो जाएगी, जिससे और अधिक नौकरियां जाएंगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सिकुड़ते मध्यम वर्ग और उस पर कर के बोझ पर ध्यान देने के बजाय सरकार जहां से भी संभव हो, वहां से कर वसूलना चाहती है।
कुमारमंगलम ने कहा, “इसलिए यह सरकार अब हर चीज को लग्जरी की श्रेणी में डालना चाहती है और 28 प्रतिशत जीएसटी वसूलना चाहती है।”
कुमारमंगलम ने दावा किया कि एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत के जीएसटी संग्रह का 64 प्रतिशत हिस्सा निचले स्तर पर जीवनयापन करने वाली 50 प्रतिशत आबादी से आता है।
उन्होंने कहा, “हम सबसे गरीब लोगों के पीछे पड़े हैं। जीएसटी का आधा हिस्सा उनसे लिया जाता है। ऐसी कर प्रणाली ही हमारी अर्थव्यवस्था में मंदी का मुख्य कारण है। अब यह स्पष्ट हो गया है और जीडीपी के आंकड़े झूठ नहीं बोलते।”
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