मुंबई, 23 दिसंबर देश में डिजिटलीकरण बढ़ने से कंपनियां क्लाउड भंडारण में अपना निवेश बढ़ा रही हैं जिससे डेटा सेंटर की क्षमता वर्ष 2026-27 तक दोगुनी से अधिक होकर 2-2.3 गीगावाट हो जाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, जेनरेटिव कृत्रिम मेधा (जेनएआई) की बढ़ती पहुंच मध्यम अवधि में डेटा सेंटर की मांग बढ़ाएगी। मजबूत मांग का समर्थन करने के लिए पूंजीगत व्यय के चलते ऋण स्तर में मध्यम वृद्धि होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, डेटा सेंटर कंप्यूटिंग एवं भंडारण अवसंरचना की मांग को पूरा करते हैं। कोविड महामारी के बाद उद्यम तेजी से अपने व्यवसायों को क्लाउड सहित डिजिटल मंच पर स्थानांतरित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च-गति वाले डेटा की बढ़ती पहुंच ने सोशल मीडिया, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंच और डिजिटल भुगतान सहित इंटरनेट के उपयोग में जोरदार तेजी ला दी है।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, ''डेटा सेंटर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले तीन वित्त वर्षों में 55,000-65,000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। यह निवेश मुख्य रूप से भूमि और भवन, बिजली उपकरण और शीतलन समाधान के लिए होगा।''
उन्होंने कहा कि डेटा सेंटर परिचालक आमतौर पर बुनियादी ढांचे- भूमि और भवन का निर्माण करते हैं जो कुल पूंजीगत व्यय का 25-30 प्रतिशत है। क्षमता वृद्धि मौजूदा खिलाड़ियों की विस्तार योजनाओं के साथ ही नए खिलाड़ियों के प्रवेश से होगी।
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