कोलकाता, 14 सितंबर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में चाय का उत्पादन गिर गया है और इस कमी को भारत पूरा कर सकता है। उद्योग निकाय भारतीय चाय संघ (टीएआई) ने यह बात कही है।
टीएआई के महासचिव पी के भट्टाचार्य ने कहा कि श्रीलंका से उत्पादन में जो कमी हुई है उसकी भरपाई भारत कर सकता है और इसका संकेत है भारतीय चाय उत्पादकों की परंपरागत किस्म की चाय के दाम में हुई वृद्धि। नीलामी में भारतीय चाय के दाम 75 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 100 रुपये किलोग्राम हो गए हैं।
भारत प्रतिवर्ष करीब 11-12 करोड़ किलो परंपरागत चाय का उत्पादन करता है।
टीएआई के मुताबिक, जुलाई, 2022 तक श्रीलंका में परंपरागत चाय का उत्पादन 2021 की तुलना में करीब 19 प्रतिशत घट गया। भट्टाचार्य ने कहा कि श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से परंपरागत चाय उत्पादन घटा है और यदि ऐसा चलता रहेगा तो श्रीलंका में इसका उत्पादन करीब 10 करोड़ किलो तक घट सकता है और इसकी कमी भारतीय चाय उत्पादक पूरी कर सकते हैं।
संघ ने कहा कि भारतीय चाय के निर्यात में जुलाई 2022 तक करीब नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस साल में चाय का कुल निर्यात 20 करोड़ किलोग्राम तक हो सकता है।
स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रकुल (सीआईएस) देशों के बाद संयुक्त अरब अमीरात भारतीय चाय का सबसे बड़ा उपभोक्ता है जिसने जनवरी से जून के बीच 1.58 करोड़ किलो चाय का आयात किया। इससे एक साल पहले उसने 67.6 लाख किलो आयात किया था।
ईरान ने इस अवधि में 1.14 करोड़ किलो आयात किया जो पिछले वर्ष के 1 करोड़ किलोग्राम से अधिक है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)