Asian Para Games 2023: भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने 111 पदक जीतकर इतिहास रचा, 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य जीते
भारतीय खिलाड़ियों ने सर्वाधिक 55 पदक एथलेटिक्स में पाये जबकि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण समेत 21 पदक जीते. शतरंज में आठ और तीरंदाजी में सात पदक मिले जबकि निशानेबाजों ने छह पदक जीते. आखिरी दिन शनिवार को भारत ने चार स्वर्ण समेत 12 पदक जीते. इनमें से सात पदक शतरंज में, चार एथलेटिक्स में और एक नौकायन में मिला.
हांगझोउ: भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने शनिवार को इतिहास रचकर हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में अपने अभियान का अंत 111 पदक जीतकर किया जो किसी भी बड़े अंतरराष्ट्रीय बहु खेल टूर्नामेंट में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य जीते. इससे पहले 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक हुए हांगझोउ एशियाई खेलों में भारत ने 107 पदक जीते थे.
भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा. चीन ने 521 पदक (214 स्वर्ण, 167 रजत और 140 कांस्य) जीते जबकि ईरान ने 44 स्वर्ण, 46 रजत और 41 कांस्य अपने नाम किये. जापान तीसरे और कोरिया चौथे स्थान पर रहा. पहले पैरा एशियाई खेल 2010 में ग्वांग्झू में हुए थे जिसमें भारत 14 पदक जीतकर 15वें स्थान पर रहा था. NED vs BAN, World Cup 2023: बांग्लादेश ने नीदरलैंड को 229 रन पर समेटा, स्कॉट एडवर्ड्स ने खेली शानदार अर्धशतकीय पारी; गेंदबाजों ने मचाया कोहराम
इसके बाद 2014 में भारत 15वें और 2018 में नौवे स्थान पर रहा. भारत ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार 100 से अधिक (101) पदक जीते थे. खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह प्रदर्शन सरकार की दूरदर्शी नीतियों और जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित करने का परिणाम है.
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘यह प्रदर्शन हमारे एथलीटों की कड़ी मेहनत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलों में सही नीतियों की शुरूआत को दर्शाता है. चाहे वह जमीनी स्तर पर खेलो इंडिया योजना हो या विशिष्ट एथलीटों के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना. इन योजनाओं के माध्यम से मिलने वाले समर्थन का परिणाम दिख रहा है.’’
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से खेल बजट में तीन गुना वृद्धि से मंत्रालय को एथलीटों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद मिली है. ठाकुर ने कहा, ‘‘2014 की तुलना में खेल बजट में तीन गुना वृद्धि ने हम अपने सभी एथलीटों को बेहतर समर्थन देने में सक्षम हुए है, चाहे वह कोच, प्रशिक्षण, विदेशी प्रदर्शन, आहार और बुनियादी ढांचे के मामले में हो.’’
भारतीय पैरालम्पिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा,‘‘हमने इतिहास रच दिया. हमारे पैरा एथलीटों ने देश को गौरवान्वित किया है. अब पेरिस पैरालम्पिक में तोक्यो से अधिक पदक जीतेंगे.’’ उन्होंने कहा,‘‘हम इस प्रदर्शन से हैरान नहीं है. हमें 110 से 115 के बीच पदक मिलने की उम्मीद थी और 111 शुभ आंकड़ा है.’’
भारतीय खिलाड़ियों ने सर्वाधिक 55 पदक एथलेटिक्स में पाये जबकि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण समेत 21 पदक जीते. शतरंज में आठ और तीरंदाजी में सात पदक मिले जबकि निशानेबाजों ने छह पदक जीते. आखिरी दिन शनिवार को भारत ने चार स्वर्ण समेत 12 पदक जीते. इनमें से सात पदक शतरंज में, चार एथलेटिक्स में और एक नौकायन में मिला.
पुरूषों की भालाफेंक एफ55 स्पर्धा में नीरज यादव ने 33 . 69 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता. टेक चंद को कांस्य पदक मिला. पुरूषों की 400 मीटर टी47 दौड़ में दिलीप महादु गावियोत को स्वर्ण पदक मिला. वहीं महिलाओं की 1500 मीटर टी20 दौड़ में पूजा ने कांस्य पदक हासिल किया.
शतरंज में पुरूषों के व्यक्तिगत रैपिड वी1बी1 वर्ग में सतीश दर्पण ने स्वर्ण, प्रधान कुमार सौंदर्या ने रजत और अश्विनभाई मकवाना ने कांस्य पदक जीता. तीनों ने टीम वर्ग का स्वर्ण भी भारत की झोली में डाला. किशन गंगोली ने पुरूषों की व्यक्तिगत रैपिड वी1 बी2 बी3 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
गंगोली, सोमेंद्र ओर आर्यन जोशी ने टीम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया. महिला रैपिड वर्ग में वृत्ति जैन, हिमांशी राठी और संस्कृति मोरे को कांस्य पदक मिला. नौकायन में पीआर3 मिश्रित डबल स्कल में अनिता और के नारायणा ने रजत पदक जीता.
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