लंदन, 17 अप्रैल भारतीय मूल के वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर वेंकी रामकृष्णन ब्रिटेन में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की एक समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं जो विश्व भर से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने और इस महामारी के दूरगामी समाधान की खोज करेगी।
प्रोफेसर रामकृष्णन विश्व की सबसे पुरानी स्वतंत्र वैज्ञानिक अकादमी ‘द रॉयल सोसाइटी’ के अध्यक्ष भी हैं।
द रॉयल सोसाइटी ने शुक्रवार को कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण की नई तकनीक से ब्रिटेन में कोरोना वायरस के संकट से निपटने की क्षमता में तेजी आएगी।
रामकृष्णन (67) का जन्म तमिलनाडु में हुआ था और उन्हें दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ 2009 में रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
रॉयल सोसाइटी ने बताया कि ‘डेटा इवैल्यूएशन एंड लर्निंग फॉर वायरल एपिडेमिक्स’ (डीईएलवीई) नामक समूह स्थापित किया गया है जिससे विभिन्न देशों में महामारी से लड़ने के लिए किए गए उपायों का विश्लेषण किया जाएगा।
ब्रिटेन की सरकार ने इस प्रयास का स्वागत किया है।
डीईएलवीई द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों का विश्लेषण कर कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों और रणनीति से जन स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक पक्षों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जाएगा।
वेंकी रामकृष्णन के अलावा 14 सदस्यीय समिति में उनकी बहन ललिता रामकृष्णन भी शामिल हैं जो कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग और प्रतिरोधक क्षमता सबंधी विषयों की प्राध्यापिका हैं।
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