विदेश की खबरें | सिंगापुर में मानव तस्करी के मामले में भारतीय को 41 माह की सजा

सिंगापुर, 20 अप्रैल सिंगापुर में एक क्लब के भारतीय संचालक को भारत से तीन महिला नर्तकियों की तस्करी कर उन्हें यहां लाने और उनमें से दो के साथ मारपीट करने के मामले में 41 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उस पर 27,365 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।

श्रमशक्ति मंत्रालय (एमओएम) ने मंगलवार को बताया कि ‘जैहो क्लब’ के संचालक अलगर बालासुब्रमण्यम (47) ने कुछ ऐसी शर्तें तय की थीं कि अगर महिलाएं नौकरी छोड़ना चाहें तो उन्हें कुछ पैसों का भुगतान करना पड़े और ऐसा न करने पर वे नौकरी न छोड़ पाएं।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एमओएम ने तीनों महिलाओं को छुड़ा लिया है। इनमें से दो महिलाओं के साथ बालासुब्रमण्यम ने मारपीट भी की थी।

‘द स्ट्रेट टाइम्स’ ने एमओएम के हवाले कहा है कि 2016 में महिलाओं को नौकरी पर रखने के बाद से उन्हें कोई वेतन नहीं दिया गया था। उनका अनुबंध छह महीने का था। बालासुब्रमण्यम ने उनके पासपोर्ट, वर्क परमिट और मोबाइल फोन भी छीन लिए थे। वह उन्हें लगातार धमकियां भी देता था।

मंत्रालय के मुताबिक, जांच अधिकारी ने महिलाओं से मिलकर उनका हालचाल पूछा और भारत लौटने से पहले उन्हें अस्थायी नौकरी योजना के तहत अस्थायी रोजगार भी दिया गया। बालासुब्रमण्यम को मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम के तहत चार आरोपों का सामना करना पड़ा, जिनमें से तीन पर सुनवाई की गई। एक आरोप में उसे बरी कर दिया गया।

अदालत को बताया गया कि पुलिस अधिकारियों ने शिकायत के बाद 30 मई 2016 को क्लब पर छापा मारा था और उसके बाद ही पुलिस ने बालासुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया था।

बालासुब्रमण्यम सिंगापुर का स्थायी निवासी है। उसे न्यू इंडिया परिसर में 46 डनलप स्ट्रीट स्थित क्लब के संचालक के रूप में श्रम नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 21 फरवरी को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने उसे 41 महीने की जेल की सजा सुनाने के अलावा उस पर 2,722 सिंगापुरी डॉलर का जुर्माना भी लगाया है। अगर वह जुर्माना अदा नहीं कर पाया तो उसे 20 सप्ताह अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।

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